राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण की टीम ने किया रूद्र महालय मंदिर का दौरा, बनाया जाएगा डिजिटल रिकार्ड

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के चेयरमैन तरूण विजय (NMA chairman Shri Tarun Vijay ) व अन्य अधिकारियों ने गुजरात के रूद्र महालय मंदिर का दौरा किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2022 7:52 AM IST

अहमदाबाद. राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय व एनएमए की आधिकारिक टीम ने गुजरात के सिद्धपुर स्थित रुद्र महालय मंदिर का दौरा किया है। सुरक्षा व्यवस्था के साथ जिलाधिकारी सुप्रीत सिंह गुलाटी और पुलिस अधीक्षक विजय पटेल ने उनका स्वागत किया। तरुण विजय ने एनएमए सदस्य हेमराज कामदार और एएसआई अधिकारी एसए सुब्रमण्यम के साथ रुद्र महालय की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने रूद्र महालय मंदिर के राष्ट्रीय स्मारक के आसपास बढ़ते हुए अतिक्रमण की ओर इशारा किया। 

रखा जाएगा डिजिटल रिकार्ड
उन्होंने यह भी देखा कि हाल ही में छोटे, पानी के तालाब का निर्माण/मरम्मत किया गया है। जिसे अवैध निर्माण माना जा सकता था। यह सरकारी अनुमति से बना है या नहीं, मौजूद अधिकारी जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कई अमूल्य और प्राचीन कलाकृतियां भी इधर-उधर बिखरी हुई देखीं। उन्होंने कहा कि वह रुद्र महालय मंदिर की सभी मूर्तियों को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करने में मदद करने की कोशिश करेंगे। आगंतुकों को विरासत की रक्षा और व्याख्या करने के लिए व्याख्यान केंद्र के साथ संग्रहालय भी स्थापित किया जाएगा।

तरूण विजय ने क्या कहा
तरूण विजय ने कहा कि पिछले कई दशकों से सोलंकी काल के इस महत्वपूर्ण प्रतीक का उचित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखा जाना चाहिए था। यह हिंदुओं की स्थानीय आबादी के लिए आस्था का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब विरासत संरक्षण को समाप्त किया जाना चाहिए। साथ ही ब्रिटिश गुलामी के रवैये को त्याग दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रुद्र महालय मंदिर क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त करने, उचित चारदीवारी बनाने और सरस्वती नदी की ओर जाने वाले उसके मूल मार्ग को साफ करने की बहुत आवश्यकता है।  

स्थानीय प्रशासन की प्रशंसा
तरुण विजय ने आगे कहा कि कानून का पालन करने और न्यायिक निर्णयों के आलोक में काम करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। हमें जगह को साफ-सुथरा रखने से कोई नहीं रोकता है। कम से कम बागवानी में व्यक्ति को काम पर रखा जाना चाहिए। आमतौर पर सभी राष्ट्रीय स्मारकों को इस अत्यंत महत्वपूर्ण विरासत को उतनी ही गरिमापूर्ण ढंग से रखा जाना चाहिए, जिसके वह योग्य है। उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। साथ ही विरासत की रक्षा के प्रति संवेदनशील होने के लिए स्थानीय प्रशासन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जनता के लिए यहां साहित्य उपलब्ध होने की आवश्यकता है। आगंतुकों के लिए पानी, बेंच और आश्रय की अनुमति भी होनी चाहिए।

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