Parliament Winter session: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को रिजेक्ट कर दिया गया है। कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के सांसदों ने सभापति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था। सभापति पर सत्ता पक्ष का साथ देने और विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगा है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के 70 से अधिक सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव नोटिस पर साइन किया था। संसद के सचिवालय के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव नोटिस को 14 दिन पहले दिया जाना चाहिए। लेकिन विपक्ष ने नियमों का पालन नहीं किया इसलिए उसे रिजेक्ट कर दिया गया है।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बीते 10 दिसंबर को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था। कांग्रेस मुख्य प्रस्तावक थी। ममता बनर्जी की टीएमसी, केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी, डीएमके, लालू प्रसाद यादव का राष्ट्रीय जनता दल सहित विभिन्न पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे। सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने बड़ा कदम उठाया था। दरअसल, 9 दिसंबर को सोरोस मुद्दे पर राज्यसभा में बवाल हुआ था। विपक्षी कांग्रेस ने सवाल उठाया कि सभापति धनखड़, सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों को इस मुद्दे को उठाने की अनुमति कैसे दे रहे हैं जबकि उन्होंने विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए उनके नोटिस को अस्वीकार कर दिया था। विपक्ष ने राज्यसभा सभापति पर कई मौकों पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया। शीतकालीन सत्र के पहले मानसून सत्र में भी विपक्ष ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का मन बनाया था लेकिन बाद में इसे टाल दिया था।
सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पहले की अविश्वास प्रस्ताव नोटिस को खारिज करने का संकेत दिया था। उन्होंने सरकार की ओर से सभापति पर पूरा जताया था। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत है। नोटिस को खारिज किया जाना चाहिए। नोटिस को खारिज किया जाएगा और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की कार्रवाई को स्वीकार न किया जाए। विपक्ष हमेशा चेयर का अपमान करता है। वे सभापति के अधिकारों का अनादर करते हैं। धनखड़ जी एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वे संसद के अंदर और बाहर हमेशा किसानों और लोगों के कल्याण के बारे में बात करते हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। सदन में एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को चेयरमैन पर भरोसा है।
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