हिंसक प्रदर्शन में शामिल हुए तो सरकारी नौकरी मिलने में हो सकती है दिक्कत, जानें क्या है बिहार में नया फरमान

बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल के निर्देश के अनुसार, राज्य में शराब के आउटलेट, सरकारी नौकरी, बन्दूक का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए पुलिस सत्यापन जरूरी होता है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई प्रदर्शन के दौरान अपराध करता है और पुलिस की चार्जशीट में नाम दर्ज होता है तो पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले व्यक्ति के आचरण प्रमाण पत्र या चरित्र प्रमाण पत्र में आपराधिक गतिविधि का उल्लेख किया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 3, 2021 3:08 AM IST

नई दिल्ली. बिहार में हिंसक प्रदर्शन को लेकर एक आदेश जारी हुआ है, जिसके मुताबिक, अगर आप किसी हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हैं तो भविष्य में सरकारी नौकरी पाने में मुश्किल हो सकती है। 

सरकारी नौकरी, बंदूका का लाइसेंस में आएगी दिक्कत
बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल के निर्देश के अनुसार, राज्य में शराब के आउटलेट, सरकारी नौकरी, बन्दूक का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए पुलिस सत्यापन जरूरी होता है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई प्रदर्शन के दौरान अपराध करता है और पुलिस की चार्जशीट में नाम दर्ज होता है तो पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले व्यक्ति के आचरण प्रमाण पत्र या चरित्र प्रमाण पत्र में आपराधिक गतिविधि का उल्लेख किया जाएगा। 

बिहार डीजीपी ने कहा, ऐसे लोगों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि वे सरकारी नौकरी पाने या राज्य के स्वामित्व वाली शराब की दुकान के लिए आवेदन करने में सक्षम नहीं होंगे।

 

 

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल
निर्देश का जवाब देते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है?

Share this article
click me!