1962 की जंग में एयर फोर्स तैनात नहीं करना भारत को पड़ा भारी: राजीव चन्द्रशेखर

केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है 1962 की लड़ाई में भारत ने एयर फोर्स तैनात नहीं किया। यह गलती भारत को भारी पड़ी। चीन ने 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया।

Vivek Kumar | Published : Nov 19, 2023 3:46 AM IST / Updated: Nov 19 2023, 09:26 AM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है कि चीन के साथ 1962 में लड़ी गई लड़ाई में तब के भारतीय नेतृत्व ने वायुसेना को तैनात नहीं करने का फैसला किया था। यह गलती भारत को भारी पड़ी। हमें जमीन का बड़ा हिस्सा खोना पड़ा। राजीव चन्द्रशेखर ने ये बातें News9 Plus को दिए इंटरव्यू में कहीं। देखें पूरा इंटरव्यू...

इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने 1962 की भारत-चीन युद्ध पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में मिली हार आज भी हर भारतीय को पीड़ा देती है। राजनीतिक नेतृत्व की अयोग्यता और सुरक्षा बलों को आधुनिक बनाने में कमी के चलते भारत की हार हुई। राजनीतिक नेतृत्व की विफलता के चलते सैकड़ों जवानों को बलिदान देना पड़ा।

सेना का नहीं किया गया था आधुनिकीकरण

राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि वर्ल्ड वॉर टू के बाद से 1962 तक भारतीय सेना का आधुनिकीकरण नहीं किया गया था। बिना ट्रेनिंग और ऊंचे पहाड़ी इलाके में रहने के लिए ढले बिना सैनिकों को युद्ध में भेज दिया गया। वह भी ऐसे दुश्मन के खिलाफ जो पूरी तरह तैयार बैठा था।

चीन के साथ डील करने में जवाहरलाल नेहरू ने की गलती

क्या राजनीतिक विफलता के चलते युद्ध में हार मिली? इसपर राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू कई मामलों में महान हो सकते हैं, लेकिन चीन के साथ डील करने में उन्होंने गलती की। राजनीतिक नेतृत्व ने चीन को समझने में भूल की जिससे उसे 1962 में हमें नुकसान करने का मौका मिला।

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1962 के समय से बहुत अलग है आज का भारत

आज हम जिस भारत में रह रहे हैं वह 1962 के समय से बहुत अलग है। 1962 की जंग में दो ऐसी बातें हुईं जो आज के भारत में नहीं होगी। चीन ने भारत को अपमानित किया। 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद ऐसा कभी नहीं हुआ। 1962 में जिस तरह से भारत ने प्रतिक्रिया दी वैसा अब नहीं हो सकता। एयर फोर्स को तैनात नहीं किया गया, यह बहुत बड़ी गलती थी। उस समय भारतीय वायुसेना को चीन पर साफ बढ़त थी। रानीतिक नेतृत्व को डर था कि लड़ाई बढ़ सकती है। ऐसा आज के भारत में नहीं हो सकता।

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