तो इसलिए गलवान में 2 किमी पीछे हटा चीन, एनएसए अजीत डोभाल ने निभाई अहम भूमिका

Published : Jul 06, 2020, 03:14 PM ISTUpdated : Jul 06, 2020, 03:37 PM IST
तो इसलिए गलवान में 2 किमी पीछे हटा चीन,  एनएसए अजीत डोभाल ने निभाई अहम भूमिका

सार

दो महीने से चले आ रहे विवाद के बीच सोमवार को चीन गलवान घाटी में 2 किमी पीछे हट गया। चीन ने अपने सैनिक और टेंटों को भी हटा लिया है। बताया जा रहा है कि इस पूरे विवाद में एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने अहम भूमिका निभाई है। 

नई दिल्ली. दो महीने से चले आ रहे विवाद के बीच सोमवार को चीन गलवान घाटी में 2 किमी पीछे हट गया। चीन ने अपने सैनिक और टेंटों को भी हटा लिया है। बताया जा रहा है कि इस पूरे विवाद में एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने अहम भूमिका निभाई है। बताया जा रहा है कि अजीत डोभाल ने रविवार को चीन के विदेश मंत्री से बातचीत की थी, इसके बाद चीन पीछे हटने को तैयार हुआ। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनएसए अजीत डोभाल ने कल वीडियो कॉल पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की थी। सूत्रों के मुताबिक, बातचीत सौहार्दपूर्ण और दूरदर्शी तरीके से हुई। इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच स्थाई तौर पर शांति लाने और भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों, इस पर भी चर्चा हुई। 

दोनों देशों ने जताई आम सहमति
एनएसए डोभाल और चीनी विदेश मंत्री ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों को आम सहमति से कदम उठाने चाहिए, जिससे भारत चीन सीमा पर शांति बनी रहे। यह दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए जरूरी है। दोनों पक्षों को मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए। बातचीत में दोनों देशों ने सहमति जताई है कि शांति और पूर्ण बहाली के लिए भारत चीन सीमा पर जितनी जल्दी हो सके दोनों देश सेना हटाएंगे। 

जारी रहेगी बातचीत
बातचीत में फैसला हुआ है कि दोनों पक्ष एलएसी पर पीछे हटने की प्रक्रिया जारी रखेंगे। इसे शीघ्रता से पूरा किया जाएगा। इतना ही नहीं दोनों पक्षों को सीमा पर चरणबद्ध तरीक से पीछे हटना सनिश्चित करना चाहिए। इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के मुताबिक सीमा पर शांति बहाली के लिए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री अपनी बातचीत जारी रखेंगे।

लद्दाख मुद्दे पर सक्रिय हैं एनएसए
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) लद्दाख मुद्दे पर सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लद्दाख दौरा भी डोभाल की रणनीति का हिस्सा था। इतना ही नहीं भारत की आक्रमक तरीके से जवाब देने की रणनीति के पीछे भी एनएसए ही हैं। 

15 जून को हुई थी हिंसक झड़प
भारत और के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 2 महीने से विवाद जारी है। लेकिन 15 अगस्त को दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह विवाद अपने चरम पर पहुंच गया। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। वहीं, चीन के 40 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। 

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