
Nuclear Power: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए भाषण में भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना बढ़ाने की बात कही है। वर्तमान में भारत परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने के मामले में दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल है। भारत के पास इस क्षेत्र में काम करने के बड़े अवसर हैं। परमाणु ऊर्जा के मामले में दक्षिण कोरिया, कनाडा और जापान भारत से आगे हैं। वहीं, टॉप के देशों की बात करें तो अमेरिका पहले और चीन दूसरे स्थान पर है। रूस का नंबर तीसरा है।
World Population Review ने 2024 तक परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने वाले देशों की लिस्ट दी है। इसके अनुसार आठवें नंबर पर भारत है।
| देश | न्यूक्लियर रिएक्टर | कुल बिजली में परमाणु ऊर्जा का शेयर |
| अमेरिका | 94 | 18.2% |
| चीन | 57 | 4.7% |
| फ्रांस | 57 | 67.3% |
| रूस | 37 | 17.8% |
| कनाडा | 19 | 13.4% |
| स्पेन | 7 | 19.9% |
| भारत | 23 | 3.3% |
| स्वीडन | 6 | 29.1% |
| यूके | 9 | 12.3% |
भारत में 23 न्यूक्लियर रिएक्टर से बिजली बनाई जा रही है। 10 नए रिएक्टर स्थापित किए जा रहे हैं। इनके चालू होने पर परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन में बड़ी वृद्धि होगी। भारत में परमाणु ऊर्जा फिलहाल सरकारी संस्थाओं द्वारा तैयार की जा रही है। सरकार इस क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने पर विचार कर रही है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ऐसे नियमों पर काम कर रही है जो परमाणु ऊर्जा उत्पादन को निजी कंपनियों के लिए खोल सकते हैं। भारत को अपनी जरूरत के लिए यूरेनियम आयात करना पड़ता है। सरकार यूरेनियम खनन के क्षेत्र को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने की योजना बना रही है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि आधिकारिक सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के पास अनुमानित 76,000 टन यूरेनियम है। यह 30 साल तक 10,000 मेगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए पर्याप्त है। घरेलू संसाधन भारत की यूरेनियम जरूरत का 25% पूरा कर पाएंगे, बाकी आयात करना होगा। भारत में वर्तमान में परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने की क्षमता करीब 8.8 गीगावाट है। 2032 तक यह बढ़कर 22 गीगावाट होने की उम्मीद है। 2047 तक इसे 100 गीगा वाट करने का लक्ष्य है।