ओडिशा सरकार को बड़ी कामयाबी: 900 से अधिक माओवादी समर्थकों की 'घर वापसी', लाल विद्रोहियों ने वर्दी तक जलायी

जल्द ही और बड़ी संख्या में लोग प्रेरित होकर आम जीवन जीने के लिए लौटेंगे। इस साल 12 जून को करीब 50 सक्रिय माओवादी समर्थकों ने यहां ओडिशा के पुलिस महानिदेशक एस के बंसल के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 20, 2022 5:29 PM IST

Maoists supporters surrendered in Odisha: ओडिशा सरकार को माओवाद की कमर तोड़ने में जबर्दस्त सफलता मिली है। समाज की मुख्य धारा के विपरीत राह भटके हुए करीब 900 से अधिक सक्रिय मिलिशिया का आत्मसमर्पण कराया गया है। राज्य पुलिस व बीएसएफ के सहयोग से इन लोगों का सरेंडर कराया गया। ये लोग माओवादियों के समर्थक और सहयोगी रहे हैं। बड़ी संख्या में हुए इस आत्मसमर्पण से बार्डर एरिया में लाल विद्रोहियों के गढ़ खलबली है। 

आध्र प्रदेश बार्डर एरिया में सबसे अधिक विद्रोही सक्रिय

दरअसल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बार्डर गांवों पर सबसे अधिक विद्रोहियों के सक्रिय होने की बात कही जाती है। यह क्षेत्र माओवादियों के गढ़ के रूप में जाना जाता है। यहां के गांवों में माओवादियों के प्रति काफी सहानुभूति देखी जाती है। माना जाता है कि इन गांवों के अधिकतर लोग माओवादी विद्रोहियों के समर्थक और मददगार हैं। मंगलवार को बीएसएफ और पुलिस के सामने करीब 900 से अधिक माओवादी समर्थकों ने आत्मसमर्पण किया।

लालगढ़ में बड़ी सेंधमारी

मल्कानगिरी के पुलिस अधीक्षक नितेश वाधवानी ने कहा कि 467 सक्रिय मिलिशिया पुरुषों सहित कुल 907 लोगों ने आत्मसमर्पण किया। ये लोग ओडिशा और आंध्र प्रदेश की सीमा से लगे विभिन्न गांवों के रहने वाले हैं, जो कभी लाल विद्रोहियों के गढ़ के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कहा कि माओवादी समर्थक हिंसक गतिविधियों में मदद करते थे। माओवादियों को सभी प्रकार के रसद की आपूर्ति करने के अलावा सुरक्षा बलों और नागरिकों की हत्या में शामिल थे।

वर्दी जलाकर अपना विरोध जताया

आत्मसमर्पण करने वाले मिलिशिया और समर्थकों ने वर्दी और पुतले जलाकर माओवादी विचारधारा के प्रति अपना विरोध प्रदर्शित किया। सरेंडर करने वाले लोगों ने माओवादियों के खिलाफ नारे भी लगाए। एसपी वाधवानी ने दावा किया कि मुख्य धारा में लौटे इन लोगों के लिए सरकार और सुरक्षा बलों ने मिलकर विकास परक योजनाओं को शुरू करने ऐलान किया है। ओडिशा सरकार की विकासात्मक पहलों ने ग्रामीणों को मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इन लोगों के गांवों में विकास के काम में तेजी लाया जा रहा है। नई सड़कों, पुलों, चिकित्सा सुविधाओं, मोबाइल टावरों की स्थापना, पीने के पानी और बिजली की आपूर्ति के कामों को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है।

अभी और लोग करेंगे घर वापसी

पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि बड़ी संख्या में माओवादी समर्थकों के आत्मसमर्पण के बाद, अन्य भटके हुए लोग भी मुख्य धारा में लौटने का मन बना लिए हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही और बड़ी संख्या में लोग प्रेरित होकर आम जीवन जीने के लिए लौटेंगे। इस साल 12 जून को करीब 50 सक्रिय माओवादी समर्थकों ने यहां ओडिशा के पुलिस महानिदेशक एस के बंसल के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।

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