रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) से सबक लेते हुए सुरक्षा अभियान शुरू किया है। इस दौरान सिग्नलिंग उपकरणों और रिले रूम्स की जांच होगी।
नई दिल्ली। ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) से सबक लेते हुए रेल मंत्रालय ने सिग्नलिंग उपकरणों और रिले रूम्स की सुरक्षा के लिए अभियान शुरू किया है। मंत्रालय ने सभी जोनल रेलवे के जनरल मैनेजर को तुरंत सुरक्षा अभियान शुरू करने का आदेश दिया है। यह एक सप्ताह चलेगा।
सुरक्षा अभियान का उद्देश्य सिग्नलिंग उपकरण और रिले रूम की सुरक्षा तय करना है, जिससे रेलवे नेटवर्क में सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया जा सके। इस अभियान के दौरान सभी सिग्नलिंग सिस्टम का गहन निरीक्षण किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि सुरक्षा के लिए "डबल लॉकिंग" है या नहीं। इसके साथ ही स्टेशनों पर मौजूद रिले रूम की डबल लॉकिंग व्यवस्था की भी जांच की जाएगी।
रिले रूम की सिक्योरिटी सिस्टम की होगी जांच
सुरक्षा अभियान के दौरान इस बात की जांच की जाएगी कि रिले रूम में डेटा लॉगिंग और दरवाजे खोलने या बंद करने के लिए एसएमएस अलर्ट की सुविधा चालू है या नहीं। रेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि सिग्नलिंग और दूरसंचार (एसएंडटी) उपकरणों के डिस्कनेक्शन और रीकनेक्शन के लिए निर्धारित मानदंडों और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।
सिग्नलिंग में गड़बड़ी के चलते हुआ था ओडिशा ट्रेन हादसा
गौरतलब है कि बीते दो जून को हाल के वर्षों का सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ था। ओडिशा के बालासोर जिले में पश्चिम बंगाल के शालिमार से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) ट्रेन एक मालगाड़ी से टकराकर पटरी से उतर गई थी। इस दौरान पटरी से उतरे डिब्बे हावड़ा जा रही एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा गए थे। इस हादसे में 275 लोगों की मौत हुई और एक हजार से अधिक घायल हो गए थे। रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हादसा सिग्नलिंग की गड़बड़ी के चलते हुआ। इस मामले में रेलवे ने जांच की है। इसके साथ ही सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है।