भारत ने कहा OIC ने करे आतंकवाद का समर्थन, यासीन मलिक की सजा पर विरोधी टिप्पणी पर MEA का जवाब

OIC comment over India, ओआईसी के भारत की कानून व्यवस्था को लेकर टिप्पणी पर केंद्रीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी से आतंकवादियों का समर्थन न करने का आग्रह किया है।

Dheerendra Gopal | Published : May 27, 2022 4:34 PM IST / Updated: May 28 2022, 12:40 AM IST

नई दिल्ली। टेरर फंडिंग के केस सहित कई मामलों में उम्रकैद की सजा पाने वाले जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को लेकर भारत के खिलाफ टिप्पणी करने वाले ओआईसी-आईपीएचआरसी (OIC-IPHRC) को विदेश मंत्रालय (MEA) ने आतंकवाद का समर्थन न करने का आग्रह किया है। भारत के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि दुनिया आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस चाहती है और ओआईसी को आतंकी गतिविधियों को संचालित करने वालों को जस्टिफाई नहीं करना चाहिए। 

क्या जवाब दिया है भारत सरकार ने...

यासीन मलिक के संबंध में एनआईए कोर्ट के फैसले पर ओआईसी-आईपीएचआरसी द्वारा की गई टिप्पणियों के संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत को यासीन मलिक के मामले में फैसले के लिए देश की आलोचना करने वाले ओआईसी-आईपीएचआरसी की टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं है। इन टिप्पणियों के माध्यम से, ओआईसी-आईपीएचआरसी ने यासीन मलिक की आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन व्यक्त किया है। मलिक की आतंकी गतिविधियों संबंधित दस्तावेज है जिसे कोर्ट में पेश किया जा चुका है। दुनिया आतंकवाद को जीरो टॉलरेंस चाहती है और हम ओआईसी से इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराने का आग्रह करते हैं। 

ओआईसी ने किया था सजा का विरोध

दरअसल, यासीन मलिक को हुई उम्र कैद की सजा का विरोध ओआईसी ने किया था। ओआईसी ने भारत में मिली यासीन मलिक की सजा पर देश विरोधी टिप्पणी की थी। इस पर भारत सरकार ने ओआईसी से आग्रह किया है कि वह आतंकवाद का समर्थन न करे। 

जम्मू कश्मीर के परिसीमन पर भी इस्लामिक सहयोग संगठन ने की थी टिप्पणी

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir delimitation)) में हो रहे परिसीमन पर भी इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने अनुचित टिप्पणी की थी। ओआईसी की अनुचित टिप्पणी पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था। भारत ने ओआईसी पर अनुचित टिप्पणी न करने की नसीहत देते हुए कहा कि संगठन (Organisation of Islamic Cooperation) एक देश के इशारे पर ऐसे गलत एजेंडे पर काम कर रहा है। उसे इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (MEA Spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा, "हम इस बात से निराश हैं कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है।" उन्होंने कहा, "पहले की तरह, भारत सरकार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर ओआईसी सचिवालय द्वारा किए गए दावों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है, जो भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।" मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि ओआईसी को एक देश के इशारे पर भारत के खिलाफ अपने सांप्रदायिक एजेंडे को अंजाम देने से बचना चाहिए।

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