लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के ओम बिरला और कांग्रेस के के सुरेश के बीच मुकाबला है। स्पीकर का पद बेहद महत्वपूर्ण है। वह सदन में निर्णायक रोल निभाते हैं।
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए बुधवार को चुनाव (Lok Sabha Speaker elections) होगा। मुकाबला भाजपा के ओम बिरला (Om Birla) और कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश (Kodikunnil Suresh) के बीच है।
कैसे होता है लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव?
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 93 के तहत होता है। इसमें कहा गया है कि “लोकसभा, यथाशीघ्र, अपने दो सदस्यों को क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनेगी।” अध्यक्ष का पद खाली रहने पर राष्ट्रपति द्वारा प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है। वह नए चुने गए सांसदों को शपथ दिलाते हैं। अभी भाजपा के भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर हैं।
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सर्व सम्मति से फैसला लेने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। मैदान में ओम बिड़ला और के सुरेश हैं। दोनों ने नामांकन दाखिल किया है। अध्यक्ष का चुनाव साधारण बहुमत से होता है।
क्या है लोकसभा अध्यक्ष के रोल का महत्व?
लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा के प्रमुख होते हैं। अध्यक्ष का काम सदन में व्यवस्था और शिष्टाचार बनाए रखना है। वह संसद की बैठक का एजेंडा तय करते हैं। वह स्थगन और अविश्वास प्रस्ताव सहित अन्य प्रस्तावों पर भी निर्णय लेते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ही लोकसभा के नियमों की व्याख्या करते हैं और उन्हें लागू करते हैं। वह यह तय करते हैं कि सदन में कौन से प्रश्न उठाए जाएंगे। अध्यक्ष तय करते हैं कि कोई बिल मनी बिल है या नहीं। वह लोकसभा समितियों की संरचना की देखरेख करते हैं। अगर किसी प्रस्ताव पर मतदान होता है और पक्ष व विपक्ष के मत एक समान आते हैं तो अध्यक्ष मतदान कर सकते हैं। ऐसा होने पर वह जिसे वोट देते हैं उसकी जीत होती है।
लोकसभा अध्यक्ष भले किसी भी पार्टी के हों उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे सदन की कार्यवाही के दौरान गैर-पक्षपाती रहेंगे। दलबदल के मामलों में अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। अध्यक्ष के पास सांसद की अयोग्यता पर फैसला लेने का अधिकार होता है। अगर किसी सांसद ने सदन की कार्यवाही के दौरान ठीक आचरण नहीं किया है या कानून का उल्लंघन किया है तो अध्यक्ष उसे सजा दे सकते हैं। वह सांसद को सदन से बाहर कर सकते हैं।
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क्या लोकसभा अध्यक्ष को पद से हटा सकते हैं?
हां, लोकसभा अध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है। इसके लिए लोकसभा में प्रस्ताव लाना होगा। अगर सदन के सदस्यों के बहुमत द्वारा प्रस्ताव पारित होता है तो अध्यक्ष को अपनी कुर्सी छोड़नी होगी। ऐसा प्रस्ताव पेश करने से कम से कम 14 दिन पहले सूचना देने होती है।
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