पोर्टर ऐप घोटाला: ऑन लाइन साफ कर डाला 90 लाख, जानें कैसे हुआ ये खेल?

बेंगलुरु में पोर्टर ऐप के ज़रिए 90 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। चार आरोपियों ने फर्जी ऑर्डर और ग्राहक आईडी बनाकर कंपनी को चूना लगाया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

बेंगलुरु: ऑनलाइन पोर्टर लॉजिस्टिक कंपनी के ऐप पर फर्जी ऑर्डर बुक करके और फिर उन्हें रद्द करके कंपनी को धोखा देने वाले चार आरोपियों को दक्षिण-पूर्व डिवीजन के साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हासन जिले के हिरिसावे निवासी चालक टी.एल. श्रेयस (29), के.जी.नगर के चालक के.एस. कौशिक (26), मांड्या के डिलीवरी बॉय पी.आर. रंगनाथ (26) और मद्दूर के ऑटो चालक आनंद कुमार (30) गिरफ्तार किए गए हैं।

आरोपियों ने आडुगोडी लक्कसंद्रा की 'स्मार्ट शिफ्ट लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी के 'पोर्टर' ऐप का इस्तेमाल करके फर्जी ग्राहक आईडी और चालक आईडी बनाई और पिछले 8 महीनों में 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इस संबंध में पोर्टर कंपनी के सहायक प्रबंधक किशोर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया और जांच के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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फर्जी पोर्टर चालक आईडी बनाई: आरोपियों ने 'स्मार्ट शिफ्ट लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी का 'पोर्टर' ऐप डाउनलोड किया। जहां चालक कम थे, वहां फर्जी चालक आईडी बनाई। फिर जियो स्पूफिंग का इस्तेमाल करके दूर के इलाकों में ग्राहक बनकर ऑर्डर बुक किए। फिर खुद ही ग्राहक के वॉलेट से चालक के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए और अपने पास ऑर्डर आने का इंतजाम किया।

एक ही जगह से शुरुआत और अंत: फर्जी जियो स्पूफिंग ऐप के जरिए ट्रिप शुरू करके वहीं खत्म कर देते थे। फिर चालक के पोर्टर वॉलेट में पैसे आते ही उसे अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। फिर फर्जी ग्राहक के पोर्टर ऑर्डर को पूरा किए बिना ट्रिप खत्म कर देते थे। ट्रिप पूरी न होने पर पोर्टर कंपनी ग्राहक को पैसे वापस कर देती थी। इस पैसे को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बैंक खातों में ट्रांसफर करके धोखाधड़ी करते थे। आरोपी पोर्टर कंपनी को धोखा देने के लिए कुछ बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर पोर्टर ऐप में डालते थे या अपनी पसंद के वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर अपलोड करके पोर्टर चालक की आईडी बना लेते थे।

ऑडिट में धोखाधड़ी का खुलासा: हाल ही में 'स्मार्ट शिफ्ट लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी के ऑडिट में 90 लाख रुपये का नुकसान और धोखाधड़ी का पता चला। इस संबंध में दर्ज शिकायत के आधार पर जांच करके चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

दूसरे राज्यों में भी धोखाधड़ी: जांच में पता चला है कि आरोपियों ने बेंगलुरु में रहकर ही जियो स्पूफिंग ऐप का इस्तेमाल करके तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल में भी पोर्टर कंपनियों के साथ धोखाधड़ी की है।

धोखाधड़ी के पैसों से ऐश की जिंदगी: आरोपियों ने धोखाधड़ी के पैसों का इस्तेमाल अपने गांव में घर बनाने, ऐश की जिंदगी जीने और कर्ज चुकाने में किया। फिलहाल आरोपियों के बैंक खातों में कोई पैसा नहीं मिला है। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट की अनुमति लेकर धोखाधड़ी के पैसे जब्त किए जाएंगे।

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