Online Gaming: हर साल 20 हजार करोड़ गंवा रहे लोग, जानें कितने लोग होते हैं ऑनलाइन गेमिंग का शिकार?

Published : Aug 21, 2025, 09:00 PM IST
Online gaming bill 2025

सार

Online Gaming Latest News: मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग को सरकार ने बैन करने का फैसला किया है। इसके लिए लोकसभा में बिल पास हो चुका है। बता दें कि पैसों पर बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग में लोग हर साल करीब 20,000 करोड़ रुपए गंवा देते हैं। 

DID YOU KNOW ?
45 करोड़ लोग हो रहे शिकार
रियल मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग की लत में हर साल 45 करोड़ लोग अपनी जिंदगीभर की गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं।

Online Gaming Latest Updates: सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर बैन लगाने का फैसला कर लिया है। इसके लिए 20 अगस्त को लोकसभा में प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास किया गया। अब इस बिल को आगे राज्यसभा में पारित किया जाएगा। दोनों जगह से पास होने के बाद रियल मनी पर बेस्ड सभी तरह के ऑनलाइन गेम्स पर बैन लग सकता है। बता दें कि पिछले कुछ सालों में देशभर में ऑनलाइन गेमिंग एक इंडस्ट्री का रूप ले चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं हर साल ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग में लोग कितना पैसा गंवा देते हैं।

हर साल ऑनलाइन गेमिंग में कितना पैसा गंवाते हैं लोग?

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों द्वारा भले ही इस प्रतिबंध के खिलाफ तमाम तरह के तर्क दिए जा रहे हों, लेकिन सरकारी अनुमान के मुताबिक, लगभग 45 करोड़ लोग हर साल ऑनलाइन रियल मनी बेस्ड गेमिंग में करीब 20,000 करोड़ रुपये गंवा देते हैं। सरकार का मानना ​​है कि पैसों पर बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग समाज के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में इस पर बैन के कारण होने वाले रेवेन्यू लॉस की तुलना में लोगों के हितों को प्राथमिकता देना ज्यादा जरूरी है।

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ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 में क्या?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर एक सांसद ने ऑनलाइन गेमिंग के पैसे से जुड़े दुष्प्रभावों को लेकर चिंता जताई है। इस इंडस्ट्री के एक-तिहाई हिस्से से होने वाले राजस्व और सामाजिक कल्याण के बीच सरकार ने समाज कल्याण को चुना है। बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 में ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है। इसके लिए एक बजट होगा और इनके प्रचार के लिए योजनाएं और अथॉरिटी बनाई जाएगी। वहीं, पैसे पर बेस्ड गेमिंग, चाहे वो किसी भी रूप में हो, उसे बैन किया जाएगा।

कितनी सजा और कितना जुर्माना?

इस विधेयक के तहत मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग में शामिल कंपनियों के खिलाफ एक्शन मुख्य रूप से राज्य सरकारों द्वारा लिया जाएगा। निर्धारित प्रावधानों का उल्लंघन करके ऑनलाइन मनी बेस्ड गेमिंग सर्विसेज प्रोवाइड कराने वाले किसी भी व्यक्ति को तीन साल तक की कैद या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। वहीं, प्रावधानों में नियमों का उल्लंघन करके विज्ञापन देने वालों के लिए दो साल तक की कैद या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

सोशल गेम्स को दिया जाएगा बढ़ावा

जो ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म खुद को जुए या सट्टेबाजी से अलग करने के लिए स्किल बेस्ड गेम के रूप में पेश करेंगे, उन्हें सजा नहीं मिलेगी। लेकिन असली पैसे से गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराने वालों और लेन-देन सेवाओं की सुविधा देने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। यानी कोई भी मनी बेस्ड गेम ऑफर करना, उसका प्रचार करना गैरकानूनी होगा। वहीं, फ्री फायर जैसे ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा, क्योंकि ये बिना पैसों के होते हैं। बता दें कि सरकार पिछले साढ़े तीन साल से इस दिशा में काम कर रही थी, लेकिन रियल मनी से गेमिंग करने वाले प्लेयर्स इसे नजरअंदाज कर रहे थे। जनता और उनके प्रतिनिधियों से मिली कई शिकायतों के बाद सरकार ने बिल के प्रावधानों का मसौदा तैयार किया और उसे संसद में पेश किया गया।

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