
Operation Shivshakti: भारतीय सुरक्षा बलों की जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में दो घुसपैठिये मारे गए हैं। हाल के दिनों में, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकवाद के खिलाफ तेज कार्रवाई की है। इस सैन्य कार्रवाई को ऑपरेशन शिव शक्ति नाम दिया गया है। मंगलवार देर रात पुंछ जिले के देगवार सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को सेना ने मार गिराया।
अधिकारियों के मुताबिक, मालदीवलन इलाके में तैनात जवानों ने संदिग्ध गतिविधि देखी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। इस दौरान आतंकियों के पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए। जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों में यह सेना का दूसरा बड़ा एनकाउंटर है। इससे पहले 28 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान इलाके में सुरक्षाबलों ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत तीन पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर किया था। मारे गए आतंकियों में पहलगाम हमले का मुख्य आरोपी सुलेमान, 2024 के सोनमर्ग सुरंग प्रोजेक्ट हमले में शामिल जिबरान और हमजा अफगानी शामिल थे। उनके पास से अमेरिकी M4 कार्बाइन, AK-47, 17 राइफल और ग्रेनेड बरामद हुए।
सुरक्षाबलों को एक हफ्ते पहले दाचीगाम जंगल में आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी। आतंकियों ने हमले के बाद पहली बार एक चाइनीज अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट को फिर से सक्रिय किया था। इस डिवाइस के सैटेलाइट फोन के सिग्नल ट्रैस किए गए थे। इसी जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
28 जुलाई को सुबह करीब 11:30 बजे 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा यूनिट के जवानों ने एडवांस गैजेट्स की मदद से आतंकियों का ठिकाना ढूंढ निकाला और तीनों को मार गिराया। वहीं संसद में भारत के पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकाने नष्ट करने के लिए किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही है।
विपक्ष ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से सवाल पूछा है कि पहलगाम में बेगुनाह भारतीय पर्यटकों की जान लेने वाले आतंकवादी भारत की पकड़ से बाहर क्यों हैंसरकार की तरफ से कहा गया है कि आतंकवादियों को चुन-चुन कर मारा जा रहा है और आतंकवाद को लेकर भारत का रुख स्पष्ट है। भारत अपनी जमीन पर आतंकवादी हमले बर्दाश्त नहीं करेगा।