सोनिया ने कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों के नेताओं की डिजिटल बैठक में संसद के हालिया मॉनसून सत्र के दौरान दिखी विपक्षी एकजुटता का उल्लेख किया और कहा, ‘मुझे भरोसा है कि यह विपक्षी एकजुटता संसद के आगे के सत्रों में भी बनी रहेगी।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों से 2024 के लोकसभा के चुनाव के लिए एकजुट होने आह्वान किया और कहा कि देश के संवैधानिक प्रावधानों और स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों में विश्वास रखने वाली सरकार के गठन के लिए विपक्ष की पार्टियों को अपनी विवशताओं से ऊपर उठना होगा।
सोनिया ने कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों के नेताओं की डिजिटल बैठक में संसद के हालिया मॉनसून सत्र के दौरान दिखी विपक्षी एकजुटता का उल्लेख किया और कहा, ‘मुझे भरोसा है कि यह विपक्षी एकजुटता संसद के आगे के सत्रों में भी बनी रहेगी। लेकिन व्यापक राजनीतिक लड़ाई संसद से बाहर लड़ी जानी है।‘ सोनिया गांधी ने कहा कि इस समय विपक्षी दलों की एकजुटता राष्ट्रहित की मांग है और कांग्रेस अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘निश्चित तौर पर (हमारा) लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है। हमें देश को एक ऐसी सरकार देने के उद्देश्य के साथ व्यवस्थिति ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करनी है कि जो स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करती हो।‘
उन्होंने विपक्षी दलों का आह्वान किया, ‘यह एक चुनौती है, लेकिन हम साथ मिलकर इससे पार पा सकते हैं और अवश्य पाएंगे क्योंकि मिलकर काम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन अब समय आ गया है जब राष्ट्र हित यह मांग करता है कि हम इन विवशताओं से ऊपर उठें।‘
सोनिया कहा, ‘देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ अपने व्यक्तिगत और सामूहिक संकल्प पर फिर जोर देने का सबसे उचित अवसर है। मैं यह कहूंगी कि कांग्रेस की तरफ से कोई कमी नहीं रहेगी।‘
शरद की अपील, लोकतंत्र को बचाने के लिए मिलकर करें काम
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों का आह्वान किया कि देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए।
बैठक में भाग लेने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘सोनिया गांधी जी की पहल पर आज समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक संपन्न हुई। वर्चुअल रूप से आयोजित की गई इस बैठक में सम्मिलित होकर अपने विचार व्यक्त किए।‘
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान सरकार इन सभी मुद्दों को हल करने में विफल रही है। जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं, जो लोग हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए, ऐसा मेरा आह्वान है।‘
पवार ने कहा, ‘एक समयबद्ध कार्यक्रम को सामूहिक रूप से शुरू करने की आवश्यकता है। मैं ये सुझाव देता हूं कि इन सभी मुद्दों से एक साथ निपटने के बजाय, हमें प्राथमिकता तय कर के सामूहिक रूप से इन मुद्दों को सुलझाने के लिए और अपने देश को एक अच्छा वर्तमान और भविष्य देने के लिए कार्य करना चाहिए।‘
ममता बोलीं-कौन करेगा नेतृत्व भूल जाईए, जनता का होगा नेतृत्व
वहीं, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने पांच मुद्दों पर बीजेपी को घेरने और फोकस करने का सुझाव दिया है। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी दलों से अपील की है कि आप सब भूल जाईए कि कौन नेतृत्व करेगा, याद रखिए जनता इस बार नेतृत्व करेगी। निजी स्वार्थ को अलग रखकर संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि सभी संवैधानिक संस्थाओं को मोदी सरकार दुरुपयोग कर रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का जमकर दुरुपयोग बंगाल हिंसा के मामले में किया जा रहा है। अब समय आ गया है कि लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाई जाए। उन्होंने सभी को वैक्सीन, कृषि कानूनों को रद्द करने, पेगासस मामले की जांच, रसोई गैस व पेट्रोल-डीजल के दामों को कम करना पर फोकस कर लड़ाई को आगे बढ़ाने की अपील की है।
यह भी पढ़ें:
केरल में पति-पत्नी खिलाएंगे कमल, 53 की उम्र में लेकर 7 फेरे खाई है कसम
बढ़ी ममता सरकार की मुसीबत, पोस्ट पोल हिंसा की सीबीआई जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट
बूढ़े चीन में ‘हम दो-हमारे तीन’ की पॉलिसी लागू, युवा लोगों की भारी कमी वाला देश बना ड्रैगन