18वीं लोकसभा के गठन के बाद पहला सत्र शुरू होने वाला है। लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होना है।
Lok Sabha Speaker and Deputy speaker row: 18वीं लोकसभा के गठन के बाद पहला सत्र शुरू होने वाला है। लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होना है। एनडीए के दलों ने बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन का ऐलान कर दिया है। हालांकि, विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर का पद देने की मांग की है। विपक्ष ने कहा कि अगर सत्तापक्ष ने डिप्टी स्पीकर का पद हमारे लिए नहीं छोड़ा तो वह स्पीकर के लिए भी कैंडिडेट उतार सकता है। दरअसल, संसदीय परंपरा के अनुसार, डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता है। लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए दलों के पास 293 सीटें हैं जबकि इंडिया ब्लॉक के पास 234 सीटें हैं।
पांच साल से लोकसभा उपाध्यक्ष का पद खाली
नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में बनी सरकार में लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद खाली ही रहा। 17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद रिक्त रहा जबकि स्पीकर के रूप में ओम बिरला काम करते रहे। इस बार विपक्ष, इस तरह के संवैधानिक पद को रिक्त नहीं रहने देना चाहता है। विपक्ष का कहना है कि उपाध्यक्ष पद का चुनाव कराया जाना चाहिए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष भी दस साल से नहीं
केवल लोकसभा उपाध्यक्ष ही नहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद तो पिछले 10 साल से रिक्त है। नियमानुसार, नेता प्रतिपक्ष उस दल से बनाया जाता है जोकि सदन के संख्याबल का दस प्रतिशत से अधिक जीता हो और सदन में मुख्य विपक्षी दल हो। लेकिन 2014 और 2019 में कांग्रेस के पास वह संख्या नहीं थी। लेकिन इस बार कांग्रेस के खाते में नेता प्रतिपक्ष का पद आ सकता है। हालांकि, नाम का चयन अभी नहीं हुआ है। लेकिन माना जा रहा है कि राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा।