Published : Aug 02, 2025, 07:19 PM ISTUpdated : Aug 02, 2025, 07:59 PM IST
Bengaluru में पहली बार नम्मा मेट्रो का इस्तेमाल आर्गन ट्रांसपोर्ट के लिए हुआ। Whitefield से आरआर नगर तक 55 मिनट में पहुंचा Liver और स्पर्श अस्पताल में Transplant कर बचाई गई एक युवा की जान। जानिए यह Medical Marvel कैसे बना Possible…
55 मिनट में लीवर पहुंचा युवक की बचायी जान, मेट्रो की पहल से हुआ कमाल
Metro Emergency Lifeline: कर्नाटक ने पहली बार लीवर ट्रांसप्लांट के लिए मेट्रो का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक युवक की जान बचायी। नम्मा मेट्रो से 55 मिनट में लीवर ट्रांसपोर्ट कर इतिहास रच दिया। बेंगलुरू की खौफनाक ट्रैफिक को दरकिनार करते हुए Whitefield से RR Nagar तक की यात्रा 55 मिनट में तय की गई जिसकी वजह से लीवर ट्रांसपोर्ट हो सका और एक युवा मरीज की जान बचाई जा सकी। यह अभूतपूर्व पहल SPARSH Hospital, BMRCL, और SOTTO Karnataka की मिलीजुली कोशिशों का नतीजा है।
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दो महीने से युवक कर रहा था ट्रांसप्लांट का इंतजार
दरअसल, आरआर नगर में एक गंभीर रोगी को तत्काल लीवर की आवश्यकता थी। युवक गंभीर रूप से हेपेटाइटिस की वजह से लीवर फेल्योर का शिकार था। इसी बीच एक लीवर दान में मिला। एक व्यक्ति की एक्सीडेंट में मौत के बाद परिवारीजन ने लीवर दान करने का साहसिक कदम उठाया था। उधर, पीड़ित दो महीने से लीवर के इंतजार में था। लेकिन सबसे बड़ी समस्या बेंगलुरू ट्रैफिक में लीवर को ट्रांसपोर्ट कर पहुंचाना था। सबसे असंभव यह कि लीवर को सामान्य रूट से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भी पहुंचाना मुश्किल था। बेंगलुरू में शाम के वक्त ट्रैफिक जाम सामान्य है।
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बेंगलुरू की खौफनाक ट्रैफिक और ग्रीन कॉरिडोर
युवक की जान बचाने के लिए लीवर डोनर के अस्पताल से व्हाइटफील्ड (कोडुगोडी) मेट्रो स्टेशन तक 5.5 किलोमीटर सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए भी एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके अलावा आरआर नगर से स्पर्श अस्पताल तक 2.5 किलोमीटर की दूरी के लिए भी एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। बेंगलुरू की कुख्यात शाम की ट्रैफिक से बचने के लिए अस्पताल की टीम ने एक ऐसा विकल्प खोजा जो राज्य में पहले कभी नहीं अपनाया गया था, वह था मेट्रो को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में इस्तेमाल करना।
इसके लिए बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने तुरंत असाधारण सहयोग प्रदान किया। व्हाइटफील्ड मेट्रो स्टेशन से आरआर नगर तक एक नियमित सेवा ट्रेन में एक समर्पित आखिरी कोच आवंटित किया गया जिसमें पूरी सुरक्षा दी गई। आर्गन ले जाने वाली टीम ने पूरी 31 किलोमीटर की यात्रा एक घंटे से भी कम समय में पूरी की। यह एक ऐसी यात्रा थी जो कि भीड़भाड़ वाली शुक्रवार शाम को सड़क मार्ग से तीन घंटे से ज़्यादा समय ले सकती थी।
डॉक्टर्स बताते हैं कि समय बहुत महत्वपूर्ण था। अगर हम सड़क मार्ग से जाते, तो सप्ताहांत में भारी ट्रैफ़िक के कारण अंग बर्बाद हो सकता था। मेट्रो ने हमें सबसे तेज़ और सुरक्षित विकल्प दिया। आर्गन पहुंचने के बाद रात भर चली यह जटिल प्रत्यारोपण सर्जरी सुबह लगभग 3:00 बजे सफलतापूर्वक संपन्न हुई। मरीज़ वर्तमान में आईसीयू में है। उसकी हालत स्थिर है और उसे ऑपरेशन के बाद देखभाल दी जा रही है।
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Green Corridor से Metro तक का सफर
Donor अस्पताल से 5.5 KM तक रोड पर Green Corridor बनाया गया
Whitefield Metro Station से RR Nagar तक का 31 KM सफर Metro से तय हुआ
RR Nagar स्टेशन से SPARSH Hospital तक 2.5 KM का फिर Green Corridor
सुपरफास्ट Coordination: Sparsh + BMRCL + SOTTO
BMRCL ने तुरंत सपोर्ट दिया।
Whitefield से RR Nagar तक चलने वाली मेट्रो की आखिरी बोगी खाली रखी गई, आम यात्रियों की Entry रोक दी गई।
Chief Security Officer Mr. Selvam खुद पूरी टीम के साथ Metro में मौजूद रहे और ऑपरेशन को लीड किया।
Dr. Mahesh Gopasetty (HOD, Liver Transplant – SPARSH) ने बताया: अगर हम रोड से जाते, तो यह Organ खराब हो सकता था। Metro ने जान बचा ली। यह पहला ऐसा प्रयास है और शायद अब नया मॉडल बन जाए।