ई-श्रम पोर्टल पर 27.45 करोड़ मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हुआ, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय( Supreme Court) को बताया है कि राज्यों से मिले डेटा के अनुसार, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के परामर्श से विकसित  E-shram पोर्टल पर लगभग 27.45 करोड़ असंगठित मजदूरों या प्रवासी कामगारों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है।

नई दिल्ली. असंगठित मजदूरों या प्रवासी कामगारों को सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के परामर्श से विकसित  E-shram पोर्टल पर लगभग 27.45 करोड़ असंगठित मजदूरों या प्रवासी कामगारों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ को यह जानकारी दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। दरअसल, मई, 2021 में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) प्रवासी कामगारों के पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद धीमी होने पर नाराजगी जताई थी। सर्वोच्‍च न्‍यायालय (Supreme Court) ने कहा था कि असंगठित क्षेत्रों के कामगारों के पंजीकरण के मसले पर केंद्र और राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्‍ट नहीं है। 

बता दें कि केंद्र सरकार लगातार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में सरकार ने असंगठित क्षेत्र में मजदूरों के लिए ई-श्रम कार्ड ( E SHRAM CARD) लागू किया गया है। इसके जरिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को सरकार से मिलने वाली सुविधाएं सीधे तौर पर मिल सकेंगी।  इसके लिए  ई-श्रम पोर्टल की ऑफिशियल वेबसाइट https://eshram।gov।in/hi पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है।

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रिकॉर्ड रखने कुछ समय मांगा था
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजीकरण का एक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी कल्याणकारी योजनाएं संबंधित असंगठित मजदूरों/प्रवासी श्रमिकों तक पहुंचें, ताकि उनका लाभ मिल सके। हालांकि एएसजी ने रिकॉर्ड के संबंध में कुछ कुछ समय मांगा था, तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्यों से सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया, ताकि असंगठित मजदूरों और प्रवासी श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए एक और आदेश पारित किया जा सके। इस मामले में अब 20 जुलाई 2022 को अगली सुनवाई होगी।

2021 में दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से चार सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट(Compliance report) मांगी थी,ताकि प्रवासी श्रमिकों को भोजन और सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने संबंधी जून 2021 के आदेश के पालन पर कार्यवाही हो सके। शीर्ष अदालत ने प्रवासी श्रमिकों के लिए कल्याणकारी उपायों की मांग करने वालीं तीन याचिका पर अधिकारियों को कई निर्देश जारी किए थे। 

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