गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण मिलने की खुशी में कपिल सिब्बल ने कांग्रेस हाईकमान पर कसा तंज

कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। कपिल सिब्बल ने नबी को बधाई देते हुए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर कटाक्ष किया है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 26, 2022 7:56 AM IST / Updated: Jan 26 2022, 01:35 PM IST

नई दिल्ली. कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद  (Ghulam Nabi Azad) को 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। कपिल सिब्बल ने इसकी आड़ में फिर से कांग्रेस हाईकमान पर सवाल खड़े कर दिए। नबी के अलावा कपिल सिब्बल भी उस G-23 का हिस्सा हैं, जो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर लगातार सवाल उठाता रहा है। 

कांग्रेस को लेकर कही ये बात
गुलाब नबी आजाद को बधाई देते हुए कपिल सिब्बल ने tweet करते हुए कहा कि राष्ट्र उनके सार्वजनिक जीवन को अहमियत देता है, लेकिन कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है। इससे पहले नबी को कांग्रेस के ही दिग्गज नेता शशि थरूर ने बधाई देते हुए उनके साथ एक पुरानी तस्वीर शेयर की थी। उन्होंने लिखा था कि  गुलाम नबी आजाद को उनके पद्म भूषण पर बहुत बधाई। जनसेवा के लिए दूसरे पक्ष की सरकार की तरफ से भी पहचाना जाना अच्छी बात है।

जयराम नरेश ने नबी पर किया था कटाक्ष
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने नबी पर कटाक्ष किया था। सरकार ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को भी पद्म भूषण देने का ऐलान किया था। हालांकि CPM के इस दिग्गज नेता ने सम्मान लेने से मना कर दिया था। इसी का हवाला देकर जयराम रमेश ने tweet किया था-''यह सही कदम उठाया। वह आजाद रहना चाहते हैं, गुलाम नहीं।''

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पद्म पुरस्कारों के पीछे राजनीति
ऐसा पहली बार नहीं है कि जब केंद्र सरकार ने विपक्ष के किसी नेता को पद्म पुरस्कार दिया है। 1992 में अटल बिहारी वाजपेयी को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उस वक्त कांग्रेस की यानी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली सरकार थी। वर्ष, 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी ने पद्म पुरस्कारों की परंपरा को तोड़ा और ऐसे लोगों को भी पुरस्कार से नवाजा, जिन्हें शायद कभी उम्मीद नहीं रही होगी। हालांकि गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण देने के पीछे जम्मू-कश्मीर की राजनीत को जोड़कर देखा जा रहा है। नबी का पिछले कुछ समय से भाजपा के प्रति साफ्ट कॉर्नर दिखाई दिया है। कयास हैं कि भाजपा नबी के बूते जम्मू-कश्मीर में अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है।

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