सार

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने जो टोपी पहन रखी है वह उत्तराखंडी टोपी है। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत कई बार ऐसी ब्रह्म निशान वाली टोपी में नजर आ चुके हैं। बिपिन रावत को कल ही पद्म विभूषण से नवाजा गया है। ऐसे में मोदी का इस लुक में आना जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि भी माना जा रहा है। 

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस (Republic day 2022) के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टोपी (Pm modi cap) बुधवार को चर्चा में रही। नेशनल वार मेमोरियल (National war memorial) में सलामी देने पहुंचे पीएम ने कुर्ते - पजामे के साथ सिर पर काले रंग की उत्तराखंडी टोपी पहन रखी थी। पहले तो पीएम का लुक देखकर लगा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस वाली टोपी पहने हैं, लेकिन बाद में उनकी टोपी का उत्तराखंडी लुक समझ में आया। मोदी का यह लुक पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए काफी चर्चा में है। दरअसल, मोदी ने कुर्ते पायजामे के साथ मणिपुरी गमठा डाला है। ऐसे में इस लुक को चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। उत्तराखंड और मणिपुर, दोनों ही राज्यों में चुनाव हो रहे हैं।

बिपिन रावत भी पहनते रहे हैं ऐसी टोपी 



दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने जो टोपी पहन रखी है वह उत्तराखंडी टोपी है। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी कभी-कभी ऐसी काली टोपी में नजर आ चुके हैं। यह फोटो दिसंबर 2020 में उनके गोरखपुर दौरे का है। बिपिन रावत को कल ही पद्म विभूषण से नवाजा गया है। ऐसे में मोदी का इस लुक में आना जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि भी माना जा रहा है। गणतंत्र दिवस के मौके उन्होंने शहीदों को इस टोपी में श्रद्धांजलि दी तो लोगों को जनरल बिपिन रावत की वह टोपी याद आ गई। गौरतलब है कि जनरल रावत उत्तराखंड से थे। 

टोपी का इलेक्शन कनेक्शन 
उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा यहां तेजी से पांव पसार रही है, जबकि कांग्रेस भी इस राज्य में अपनी मतबूती के दावे कर रही है। 2021 में उत्तराखंड में भाजपा ने तीन मुख्यमंत्री इसीलिए बदले कि वहां पर पार्टी सीएम फेस मजबूत करना चाह रही थी। पुष्कर सिंह धामी फिलहाल तो एक मजबूत चेहरे के तौर पर पेश हुए हैं, लेकिन आने वाले चुनावों में क्या स्थिति रहती है यह 10 मार्च को पता चलेगा। उत्तराखंड के साथ ही यूपी, पंजाब, गोवा और मणिपुर के भी चुनावों के नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे। 

8 दिसंबर को कुन्नू में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए थे रावत 
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत 8 दिसंबर को आर्मी कॉलेज से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल होने तमिलनाडु जा रहे थे। कुन्नूर के पास उनका हेलिकॉप्टर खराब मौसम के करण क्रैश हो गया। इस हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्नी समेत 14 लोगों का निधन हो गया था। शहीद रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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