पद्मश्री: देश के इन गुमनाम नायकों को मिलेगा सम्मान, देखें पूरी लिस्ट

Published : Jan 25, 2025, 08:26 PM IST

Padma Shri Award 2025: भीम सिंह भावेश से लेकर वेंकप्पा अंबाजी सुगातेकर तक, जानिए किन गुमनाम नायकों को देश 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस बार पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है। इनमें सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, संगीतकार और किसान शामिल हैं। 

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भीम सिंह भावेश, बिहार के भोजपुर के जर्नलिस्ट हैं जिन्होंने मुसहरों के विकास के लिए अपना जीवन खपा दिया। समाज की मुख्य धारा में मुसहरों को लाने में उनके योगदान के लिए इस बार पद्मश्री दिया जा रहा है।

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निमाड़ी के नोवेलिस्ट के नाम से पहचाने जाने वाले मशहूर लेखक जगदीश जोशिला को भी पद्मश्री दिया जा रहा। उन्होंने निमाड़ी साहित्य के लिए बेहतरीन काम किया।

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ब्राजील के रहने वाले हिंदू आध्यात्मिक गुरु जोनस मसेट्टी को भी पद्मश्री दिया जाएगा। वह भारतीय आध्यात्म, फिलॉसफी और संस्कृति के प्रमोशन के लिए लगातार अपना योगदान दे रहे हैं। 2015 में रियो में उन्होंने विश्व विद्या की स्थापना की और वेदांत व श्रीमद् भागवत गीता की शिक्षा देते हैं।

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पुडुचेरी के पी.दतचनामूर्ति को लोक संगीत थाविल के संरक्षण में योगदान के लिए पद्मश्री दिया जा रहा है। वह थाविल इंस्ट्रमेंटल में स्पेशलिस्ट हैं। 15 साल की उम्र से देश के विभिन्न कोने में वह 15 हजार से अधिक परफार्मेंस दे चुके हैं।

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एम्स दिल्ली की रिटायर्ड गाइनो डॉ.नीरजा बथला को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। सर्विकल कैंसर को लेकर उनके योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। रिटायरमेंट के बाद भी वह कैंसर की रोकथाम में लगी हुई हैं।

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कुवैत में योग के प्रचार-प्रसार में लगीं शेख ए जे अल सबाह को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। योग की शेख के नाम से प्रसिद्ध अल सबाह ने कुवैत में पहला लाइसेंस योग स्टूडियो के लिए प्राप्त किया था।

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बिलासपुर के सेब सम्राट हरिमन शर्मा को भी इस बार पद्मश्री दिया जा रहा। वह अभी तक एक लाख किसानों को सेब की खेती के गुर सिखा चुके हैं।

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सिक्किम के रहने वाले नरेन गुरुंग भी इस बार पद्मश्री की लिस्ट में हैं। नेपाली गीत के गुरु गुरुंग को उनके सिक्किमी नेपाली लोक संगीत और डांस में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया जा रहा।

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कैथल के एकलव्य के रूप में पहचाने जाने वाले दिव्यांग धनुर्धर हरविंदर सिंह को भी पद्मश्री दिया जाएगा। हरियाणा के रहने वाले हरविंदर पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले पहले हरियाणावी हैं। वह एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं।

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होम्योपैथ चिकित्सक और नाड़ी विशेषज्ञ विलास डांगरे को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। 50 साल से वह एक लाख से अधिक मरीजों का इलाज कर चुके हैं।

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मालवा के निर्गुण गायक भेरू सिंह चौहान को उनके पांच दशक के लोकगायकी और पांरपरिक संगीत के लिए पद्मश्री दिया जा रहा। मालवा संस्कृति और निर्गुण भजन के उनके योगदान को क्षेत्र में काफी सराहा जाता।

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अरुणाचल प्रदेश में नशामुक्ति की नायिका जुमदे योमगम गैमलिन को पद्मश्री उनके सामाजिक कार्यों के लिए दिया जा रहा। वह मदर विजन नाम से एक 30 बेड वाले स्पिरिचुअल नशामुक्ति केंद्र चलाती हैं।

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नागालैंड के नोकलाक के रहने वाले किसान एल हंगथिंग को भी इस बार पद्मश्री दिया जा रहा है। फ्रूटमैन ऑफ नोकलाक के नाम से पहचाने जाने वाले हंगथिंग प्रोग्रेसिव फ्रूट फार्मर हैं।

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कर्नाटक के 81 वर्षीय गोंधाली लोकगायक वेंकप्पा अंबाजी सुगातेकर को पद्मश्री मिलेगा। घुमंतू समाज के वेंकप्पा को गोंधाली का भीष्म कहा जाता है। उन्होंने 1000 से अधिक गोंधाली गाने गाए हैं और 150 से अधिक स्टोरीज कही हैं।

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