क्या पाकिस्तानी हिन्दू भी वापस जाएंगे? सिंधु जल संधि पर भारत ने पाकिस्तान को दिखाया आईना?

Published : Apr 25, 2025, 02:59 PM IST
सरकार का पाकिस्तान पर बड़ा एक्शन

सार

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का फैसला लिया है। भारत में शरणार्थी पाकिस्तानी हिंदुओं के भविष्य पर भी सवाल उठ रहे हैं। 

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इन फैसलों में एक अहम निर्णय यह भी शामिल है कि भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अब भारत छोड़कर वापस पाकिस्तान भेजा जाएगा।

पाकिस्तानी हिन्दू लौटेंगे भारत?

सरकार के इस निर्णय के बाद देशभर में यह सवाल उठने लगा है कि उन पाकिस्तानी नागरिकों का क्या होगा जो हिंदू हैं और वर्षों से भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। इनमें से कई लोग पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आए थे और यहीं बस गए हैं। अब उनके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है कि क्या उन्हें भी इस फैसले के दायरे में लाया जाएगा या उनके लिए अलग व्यवस्था की जाएगी।

भारत ने वीजा सेवाएं की निलंबित

भारत ने 24 अप्रैल 2025 से पाक नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं, लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ किया कि यह निर्णय पहले से जारी हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों के दीर्घकालिक वीजा पर लागू नहीं होगा। ऐसे लोग भारत में रह सकेंगे। साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले की जानकारी पाकिस्तान को आधिकारिक पत्र के जरिए दी है। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने यह पत्र पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को भेजा।

यह भी पढ़ें: पहलगाम हमले के बाद भारत का बड़ा फैसला! पाकिस्तान से युद्धविराम समझौता रद्द करने की तैयारी

सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला

भारत ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला किया है। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने यह जानकारी एक पत्र के जरिए पाकिस्तान को दी। पत्र में कहा गया है कि भारत ने बदलती परिस्थितियों जैसे जनसंख्या में वृद्धि, स्वच्छ ऊर्जा की जरूरत और जल बंटवारे के पुराने अनुमानों में बदलाव को देखते हुए संधि की समीक्षा की मांग की थी। साथ ही, पाकिस्तान पर संधि के उल्लंघन और भारत के बातचीत के प्रस्तावों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया गया है।

भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के चलते सुरक्षा हालात बिगड़े हैं, जिससे भारत संधि के तहत अपने अधिकारों का पूरा उपयोग नहीं कर पाया। सभी पहलुओं पर विचार के बाद भारत ने संधि को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

 

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