नवाज हुए 'शरीफ' या फिर करेंगे दोस्ती में दगाबाजी: पाकिस्तान का धोखे का है इतिहास
पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, लेकिन क्या यह एक और धोखा है? इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने कई बार भारत के साथ विश्वासघात किया है।
Dheerendra Gopal | Published : Oct 20, 2024 10:32 AM IST / Updated: Oct 20 2024, 04:06 PM IST
India-Pakistan relationship: पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के साथ दोस्ती का राग अलापना शुरू कर दिया है। पीएम नवाज शरीफ ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में अपने तेवर को नर्म करते हुए भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। लेकिन 'नवाज का पाकिस्तान', 'शरीफ' बनने की कोशिश कर रहा या दिखावा, इसे उसको अभी साबित करना है। दरअसल, पाकिस्तान की ओर से भारत इतनी बार धोखा खा चुका है कि सहज विश्वास करना मुश्किल है।
पहली बार पाकिस्तान ने आजादी के बाद ही कवबायलियों की भेष में कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश की। हालांकि, भारत ने उसके नापाक इरादे को विफल कर दिया।
पाकिस्तान ने 1958 में दूसरी बार धोखा देते हुए दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों को तोड़ा। 1965 में जम्मू-कश्मीर पर हमला उसके धोखे का ही प्रतीक है।
पाकिस्तान ने 1971 में भी भारत के खिलाफ साजिश करते हुए हवाई हमले किए। भारत ने जवाबी कार्रवाई की। बांग्लादेश को भी भारत ने आजाद कराया।
भारत ने हमेशा से ही पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सुधारने की कोशिश की है। पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए 1999 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर यात्रा की थी। लेकिन कुछ ही महीनों बाद पाकिस्तान ने कारगिल में अपना घिनौना चेहरा दिखा दिया था।
तत्कालीन पीएम डॉ.मनमोहन सिंह ने 2008 में एक बार फिर पड़ोसी मुल्क के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश की लेकिन 26 नवंबर केा पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई हमला कर पाकिस्तान की काली नियत को सामने ला दिया।
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद बिना किसी प्रोटोकॉल के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को बर्थडे विश करने पहुंच गए। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसने पठानकोट हमला कर सुधर रहे रिश्तों पर पानी फेर दिया।