भगवा के साथ आतंकवाद नहीं जोड़ना चाहिए, ऐसा क्यों हुआ मुझे पता नहीं: सुशील शिंदे

पूर्व गृहमंत्री सुशील शिंदे ने 'भगवा आतंकवाद' वाले बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें ये शब्द इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था और ये पार्टी का स्टैंड था। शिंदे ने कश्मीर दौरे पर भी बात की।

नई दिल्ली। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व गृह मंत्री सुशील शिंदे ने एक पॉडकास्ट के दौरान 'भगवा आतंकवाद' को लेकर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा, "क्यों आतंकवाद शब्द लगा (भगवा के पीछे) मुझे पता नहीं है। लगाना नहीं चाहिए। देखिए रिकॉर्ड पर उस वक्त जो आया था वो हमने बता दिया था। वो भी हमने अपने पार्टी में बताया था। पब्लिक में नहीं। पार्टी में बताया था कि ऐसा-ऐसा आतंकवाद हुआ। इसके बाद हमने कभी नहीं बोला। यह प्रश्न संसद में भी पूछा गया था तो इसका कोई जिक्र नहीं किया था।"

 

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सुशील शिंदे ने कहा, "भगवा आतंकवाद को लेकर उस समय जो पूछा था तो बोल दिया था। बस इतना ही है। आतंकवाद शब्द लगाया, लेकिन वो...सही बोले तो क्यों आतंकवाद लगाया मुझे पता नहीं है। लगाना नहीं चाहिए। भगवा आतंकवाद ऐसा नहीं बोलना चाहिए। वो तो पार्टी की विचारधारा होती है। चाहे वो भगवा हो, रेड हो या सफेद हो। ऐसा कोई आतंकवाद नहीं होता है। मैंने अपनी पार्टी के प्लेटफॉर्म पर बोल दिया था।"

सर्व धर्म समभाव का देश है भारत

कांग्रेस द्वारा मुसलमानों का तुष्टिकरण किए जाने संबंधी सवाल पर सुशील शिंदे ने कहा, "यह ईश्वर, अल्लाह, तेरे नाम वाला देश है। सर्व धर्म समभाव का देश है। यहां जात-धर्म नहीं चलता। 10-15 साल यहां धर्म-जाति के नाम का बोलबाला रह सकता है, फिर वही असली पहचान पर आना पड़ेगा।"

कश्मीर में नहीं लगा था डर, किया था मजाक
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में मुझे डर नहीं लगा था। मैं लाल चौक गया, डल लेक गया। लोगों ने मेरा स्वागत किया। मैंने तो मजाक में कहा था कि डर लग रहा था। विरोधी दल ने मजाक को भी इतना बड़ा मुद्दा बना दिया।

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