संसद में पीएम मोदी ने कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर साधा जमकर निशाना, प्रधानमंत्री के भाषण की 25 मुख्य बातें...
पीएम मोदी ने कांग्रेस, राहुल गांधी, जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर निशाना साधने के साथ ही वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी तंज कसे। आइए जानते हैं संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की प्रमुख बातें क्या-क्या रहीं…
PM Modi speech highlights: संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपनी बात रखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कांग्रेस, राहुल गांधी, जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर निशाना साधने के साथ ही वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी तंज कसे। कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए महंगाई से लेकर अन्य सभी मुद्दों के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया। आइए जानते हैं संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की प्रमुख बातें क्या-क्या रहीं।
पीएम मोदी के स्पीच की मेन प्वाइंट्स...
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राहुल गांधी को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने की कोशिश से कांग्रेस की दुकान बंद हो रही है। आज विपक्ष की खस्ता हालत के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर बड़ा तंज कसते हुए कहा कि आप (विपक्ष) में चुनाव लड़ने की भूख खत्म हो गई है।
मैं देख रहा हूं कि आपमें से कई (विपक्ष) तो चुनाव लड़ने की हिम्मत भी खो चुके हैं। पिछली बार भी कुछ सीटें बदली थीं। मैंने सुना है कि कई लोग इस बार भी अपनी सीटें बदलना चाह रहे हैं।
पीएम ने कहा: मैंने यह भी सुना है कि कई लोग अब लोकसभा की बजाय राज्यसभा जाना चाहते हैं। आपकी पार्टी में भगदड़ मची हुई है।
नेता बदल गए लेकिन उनका टेपरिकॉर्डर वही है। कोई नई सामग्री नहीं है
वे (विपक्ष) विपक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है। परिवार एक पार्टी चला रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।
यह चुनावी वर्ष है लेकिन आप इसकी भी योजना बनाने में विफल रहे।
हमारा तीसरा कार्यकाल ज्यादा दूर नहीं, अधिकतम 125 दिन बाद हमारा तीसरा कार्यकाल शुरू हो जाएगा। हमारा तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों वाला होगा। तीसरा कार्यकाल अगले 1,000 वर्षों के लिए एक मजबूत नींव रखेगा।
अब की बार 400 पार... मैं आंकड़ों में नहीं जाता लेकिन एनडीए 400 पार जाएगा और भाजपा को 370 सीटें मिलेंगी।
भगवान राम न केवल अपने घर वापस आए बल्कि भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक भव्य मंदिर भी बनाया गया।
कांग्रेस खारिज करने की कल्चर में फंसी हुई है। हम कहते हैं मेक इन इंडिया, कांग्रेस कहती है रद्द करो; जब हम कहते हैं लोकल फॉर वोकल तो कांग्रेस कहती है रद्द करो; जब हम आत्मनिर्भर भारत कहते हैं तो कांग्रेस फिर कहती है रद्द करो।
शासन के 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर, आज की मजबूत अर्थव्यवस्था और आज भारत जिस तीव्र गति से प्रगति कर रहा है, उसे देखते हुए मैं विश्वास से कह सकता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति होगा। ये मोदी की गारंटी है
अंतरिक्ष से लेकर ओलंपिक तक, सशस्त्र बल से लेकर संसद तक, देश ने महिलाओं का सशक्तिकरण देखा है।
कांग्रेस की मानसिकता है कि उसने कभी देश की क्षमता पर भरोसा नहीं किया। वह अपने को शासक और जनता को कोई छोटा समझती है।
नेहरू ने कहा था, 'हम यूरोपीय, जापानी, चीनी, रूसी या अमेरिकियों जितनी मेहनत नहीं करते। यह मत सोचिए कि ये समुदाय किसी जादू से समृद्ध हो गए। उन्होंने इसे कड़ी मेहनत से, चतुराई से हासिल किया है। इससे पता चलता है नेहरू सोचते थे कि भारतीय आलसी हैं और उनके पास दिमाग नहीं है। उन्हें उनकी क्षमता पर भरोसा नहीं था
INDIA गठबंधन का तालमेल गड़बड़ा गया है। जब वे एक-दूसरे पर भरोसा नहीं कर सकते तो वे लोगों पर कैसे भरोसा करेंगे?
कांग्रेस ने ओबीसी नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया। कुछ दिन पहले जब कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया गया तो उनके साथ जो व्यवहार किया गया उसे मत भूलिए। जब वह सीएम चुने गए तो उन्हें सत्ता से हटाने के लिए हथकंडे अपनाए गए। कांग्रेस किसी ओबीसी नेता को स्वीकार करने को तैयार नहीं थी। मुझे आश्चर्य है कि वे सबसे बड़े ओबीसी मुझे को नहीं देख सकते।
यूपीए के कार्यकाल में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) का गठन किया गया, यह बेहद प्रभावशाली संस्था थी। क्या उसमें कोई ओबीसी था? नहीं
हमने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म की। हमने महिला आरक्षण विधेयक पारित किया। हमने औपनिवेशिक काल के कानूनों को हटा दिया और न्याय संहिता की ओर बढ़ गए। हमने कई अप्रचलित कानून हटाये हैं। 40,000 से अधिक अनुपालन हटा दिए गए।
पिछले 10 वर्षों में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ 18 करोड़ से अधिक नए ग्राहक पंजीकृत हुए।
आज युवाओं के लिए रोजगार के जो अवसर उपलब्ध हैं, वे पहले नहीं थे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी, जिसने भी देश को लूटा है उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
यूपीए शासन के दौरान मुद्रास्फीति दोहरे अंक में थी। जब-जब कांग्रेस सत्ता में आई, उन्होंने देश में महंगाई को बढ़ावा दिया। हमने दो युद्धों और सदी में एक बार आने वाली महामारी के बावजूद लगातार मुद्रास्फीति पर काबू पाया है।
2014 से 10 साल पहले इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट लगभग 12 लाख करोड़ रुपये ही था। पिछले 10 साल में इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 44 लाख करोड़ रुपये था। आप कल्पना कर सकते हैं कि इससे देश में कितनी नौकरियाँ पैदा हुई होंगी।
2014 से पहले डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार नगण्य था। आज भारत दुनिया की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था है और लाखों युवा इससे जुड़े हुए हैं।