1 दिसंबर 2025 को संसद में विपक्ष ने ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए बड़ा दबाव बनाया। विपक्षी दलों ने सरकार से तत्काल चर्चा की मांग की और इस पर सदन में गरमागरमी देखने को मिली।