23 दिनों के सत्र में 17 बैठकों के दौरान संसद ने 23 महत्वपूर्ण विधेयक भी पास कर दिए। इसमें दिल्ली की नौकरीशाही को उप राज्यपाल के नियंत्रण में देने वाला बिल भी शामिल रहा।
Parliament Mansoon session: संसद का मानसून सत्र 23 दिनों की समयावधि को पूरा कर खत्म हो गया। 20 जुलाई से शुरू हुआ सत्र मणिपुर हिंसा को लेकर काफी हंगामेदार रहा। आलम यह कि कई कई दिनों तक सदन चला ही नहीं। केवल नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप और बार-बार सदन स्थगित होता रहा। हालांकि, 23 दिनों के सत्र में 17 बैठकों के दौरान संसद ने 23 महत्वपूर्ण विधेयक भी पास कर दिए। इसमें दिल्ली की नौकरीशाही को उप राज्यपाल के नियंत्रण में देने वाला बिल भी शामिल रहा।
दिल्ली आर्डिनेंस बिल पर हुई बहस
अगर बिल को पास कराने को लेकर बहस की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को छोड़कर किसी पर भी उचित बहस नहीं हुई। विपक्ष ने मणिपुर संकट को उठाते हुए और प्रधानमंत्री से इस पर बोलने पर जोर देते हुए बड़े पैमाने पर कार्यवाही का बहिष्कार किया था। दिल्ली सेवा बिल पर दोनों सदनों में जोरदार बहस हुई। केंद्र सरकार के इस बिल का आम आदमी पार्टी ने विरोध किया तो इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियों ने खुलकर एकजुटता दिखाते हुए केजरीवाल की पार्टी का साथ दिया।
तीन दिन अविश्वास प्रस्ताव के लिए हुई बहस
उधर, विपक्ष ने सदन में मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी का बयान दिलाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया। विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। तीन दिनों तक अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार बहस हुई। हालांकि, इस बहस में मणिपुर हिंसा पर कुछ हल निकालने की बजायक आरोप-प्रत्यारोप का ही दौर चला। राहुल गांधी समेत कई शीर्ष नेताओं ने सरकार को आड़े हाथों लिया। गृह मंत्री अमित शाह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 की बड़ी लोकसभा लड़ाई के लिए माहौल तैयार करते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला किया।
ये बिल ध्वनिमत से हुए मंजूर
पांच साल से अधिक समय से लंबित डेटा प्रोटेक्शन बिल को ध्वनिमत से सदन से मंजूरी ले ली गई। इस कानून का प्रभाव इस बात पर पड़ेगा कि व्यक्तिगत डेटा को कैसे संग्रहीत और संसाधित किया जाता है। संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक भी पारित किया। यह बिल जन्म और मृत्यु का एक व्यापक डेटाबेस बना सकेगा। जन्म-मृत्यु पंजीकरण बिल से मतदान, शिक्षा, नौकरियों और कल्याण के लिए जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाता है। संसद में पर्यावरण से संबंधित दो महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित हुए। वन संरक्षण विधेयक बिना किसी विपक्षी सांसद के एक घंटे 40 मिनट की बहस के बाद पारित किया गया। जन विश्वास विधेयक भी सदन में पारित हो गया। इस विधेयक के बारे में सरकार ने बताया कि इससे देश में व्यापार करने में आसानी होगी। भारतीय प्रबंधन संस्थान विधेयक भी इस बार पास हो गया। संसद सत्र के आखिरी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए तीन नए विधेयक पेश किए। इसके अलावा सरकार ने चुनाव आयुक्तों को चुनने वाले पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाने के लिए एक विधेयक भी मंजूर कर लिया।
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