Parliament Monsoon Session: गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया दिल्ली आर्डिनेंस बिल, 8 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस

संसद के मानसून सत्र का आज 9वां दिन है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली आर्डिनेंस बिल पेश किया है। उन्होंने कहा कि संसद में दिल्ली को लेकर कोई भी बिल पेश किया जा सकता है।

 

Parliament Monsoon Session. संसद के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इस पर 8 अगस्त को बहस की जाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे। 1 अगस्त को 9वां दिन है। संसद शुरू होते ही लोकसभा और राज्यसभा में मणिपुर हिंसा को लेकर हंगाम हुआ, जिसके बाद संसद की कार्यवाही को अब 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके पहले कार्यवाही शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि संसद में दिल्ली आर्डिनेंस बिल पास होता है तो यह डेमोक्रेसी को बाबूक्रेसी में बदलने वाला कदम साबित होगा। 

गृहमंत्री ने पेश किया दिल्ली आर्डिनेंस बिल

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गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली आर्डिनेंस बिल पेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार कोई भी बिल लोकसभा में पेश कर सकती है। गृहमंत्री ने कहा कि सभी आपत्तियां राजनैतिक हैं, इसलिए मुझे बिल पेश करने की अनुमति दी जाए।

राज्यसभा में 6 विधेयक

संसद के मानसून सत्र में 1 अगस्त को राज्यसभा में कुल 6 विधेयक सूचीबद्ध किए गए। इनमें बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक सहित कुल 6 विधेयक हैं। इनमें से दो प्रस्तावना के और 4 विधेयक विचार करने और पारित करने के लिए पेश किए जाएंगे। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव जैविक विविधता अधिनियम 2002 में संशोधन के लिए पेश करेंगे। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका है। वहीं विपक्ष के लोग लगातार केंद्र से मणिपुर हिंसा पर जवाब की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार का दावा है कि विपक्ष खुद ही चर्चा से भाग रहा है। संसद सत्र के 9वें दिन भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ। 

क्या है दिल्ली आर्डिनेंस बिल

दिल्ली आर्डिनेंस बिल 2021 में संशोधन किया गया जिसके तहत दिल्ली राज्य सरकार किसी भी ट्रांसफर पोस्टिंग पर उप राज्यपाल से राय लेंगे। केजरीवाल सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने एलजी की राय लेने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। इसके बाद नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली एक्ट में बदलाव किया गया। इसके तहत एलजी को ऑफिसरों के ट्रांसफर, पोस्टिंग आदि में अधिकार दिया गया है। केंद्र का मत है कि दिल्ली का प्रशासन कैसा हो इस पर देश की नजर रहती है। ऐसे में व्यापक देशहित में जरूरी है कि दिल्ली का प्रशासन चुनी हुई केंद्र सरकार के जरिए होना चाहिए। केंद्र सरकार दिल्ली के मामले में तय करेगी कि ऑफिसर का कार्यकाल क्या हो, सैलरी, ग्रेच्युटी, पीएफ आदि भी तय करेगी। साथ ही ट्रांसफर-पोस्टिंग का भी अधिकार केंद्र के पास होगा। केजरीवाल सहित सभी विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं।

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