संसद के विशेष सत्र के दौरान बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार महिला आरक्षण बिल पास कराने के लिए दृढ़ संकल्प है। इस दौरान कांग्रेस ने कहा कि यह कांग्रेस का लाया बिल है।
Women Reservation Bill. महिला रिजर्वेशन बिल को लेकर कांग्रेस के उस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है, जिसमें कांग्रेस ने कहा कि यह कांग्रेस का लाया हुआ बिल है। अब बीजेपी ने कांग्रेस सरकारों और विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों के इस बिल पर पोजीशन को सामने रखा है। बीजेपी ने कहा कि इंडी एलायंस की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस महिला रिजर्वेशन बिल को लेकर कभी गंभीर नहीं रही है।
कांग्रेस ने सिर्फ बात की और कार्रवाई से बचती रही
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने महिला रिजर्वेशन बिल पर सिर्फ जुबानी चर्चा की और कभी भी इसे पास कराने की कोशिश नहीं की गई। सिर्फ वाजपेयी सरकार थी, जिसने संसद मे 6 बार महिला रिजर्वेशन बिल पास कराने की कोशिश की लेकिन बहुमत न होने के कारण वे कामयाब नहीं हुए। 2010 में कांग्रेस मेजोरिटी में थी और वे बीजेपी के सहयोग से बिल पास करा सकते थे लेकिन तब भी उन्होंने सिर्फ जुबानी खानापूर्ति की। कांग्रेस लोकसभा में नाटक करती रही और खुद सोनिया गांधी की पार्टी के लोग इस बिल के खिलाफ रहे।
महिला आरक्षण बिल पर कब क्या हुआ
अब क्रेडिट लेने की मच रही होड़
बीजेपी ने कहा कि अब जबकि यह ऐतिहासिक बिल पास होने जा रहा है तो कांग्रेस पार्टी क्रेडिट लेने के लिए झूठ का सहारा ले रही है। जबकि कांग्रेस भूल रही है कि उसके गठबंधन मे शामिल दल इस बिल के विरोधी रहे हैं। जबकि पहली बार यह बिल 1996 में देवेगौड़ा सरकार द्वारा पेश किया गया था। इसके बाद 1998 में वाजपेयी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पास कराने की कोशिश की। 2000 से 2004 के बीच एनडीए सरकार ने बिल पास कराने की कोशिशें कीं। 2008-10 के बीच कांग्रेस की यूपीए सरकार यह बिल राज्यसभा में तो ले आई लेकिन लोकसभा में पास कराने का काम नहीं किया गया।
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