Parliament Winter session: संविधान के 75 वर्ष पूरा होने पर लोकसभा में दो दिवसीय बहस की शुरुआत शुक्रवार को हुई। दो दिन के बहस के सबसे आखिर में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलेंगे। इस स्पेशल सेशन के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने तीन लाइन की व्हिप जारी की है। पहले दिन की बहस शुक्रवार रात 8 बजे तक चली। इस दौरान एक बार सत्तापक्ष के हंगामा के बाद आधा घंटा के लिए सदन स्थगित भी हुआ।
02:32 PM (IST) Dec 14
राहुल गांधी ने सदन में एकलव्य और गुरु द्रोणाचार्य की कहानी सुनाई। इसके बाद कहा कि अंगूठा हुनर का प्रतिक है। जैसे एकलव्य का अंगूठा काटा गया वैसे ही आप (सत्ता पक्ष) देश के युवाओं का अंगूठा काट रहे हो। आप पोर्ट, एयरपोर्ट, डिफेंस अडानी को देते हैं तो आप देश के युवाओं का अंगूठा काटते हैं।
02:22 PM (IST) Dec 14
विपक्ष के नेता राहुल गांधी लोकसभा में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान अपने आप में जीवन दर्शन है। संविधान में हमारी विरासत की झलक है। संविधान में हमें बाबा साहेब की झलक मिलती है। हमारा संविधान हमारी आवाज है। सावरकर ने कहा था कि संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। उन्होंने कहा था कि मनु स्मृति कानून है।
08:42 AM (IST) Dec 14
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में संविधान पर चल रही बहस का जवाब देंगे। शुक्रवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा पर संविधान को संघ की नियम पुस्तिका बनाने का आरोप लगाया था। संविधान पर बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को की थी।
08:25 PM (IST) Dec 13
पहले दिन के डिबेट में आईयूएमएल के सांसद ईटी माहम्मद बशीर, बीजेपी सांसद डी पुरंधेश्वरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल,जेडीएस सांसद एम. मल्लेश बाबू, भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत ने भी भाग लिया। रात 8 बजे लोकसभा को अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
08:25 PM (IST) Dec 13
पहले दिन के डिबेट में आईयूएमएल के सांसद ईटी माहम्मद बशीर, बीजेपी सांसद डी पुरंधेश्वरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल,जेडीएस सांसद एम. मल्लेश बाबू, भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत ने भी भाग लिया। रात 8 बजे लोकसभा को अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
08:14 PM (IST) Dec 13
सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि आज पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समुदाय को संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हर रोज मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आज ऐसा लगता है कि संविधान की किताब तो है लेकिन इसे चलाने वालों का ईमान गुम हो गया है। आज हिंदुस्तान में हर वर्ग को किसी न किसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अल्पसंख्यक खासकर मुसलमानों पर जो कहर टूटा है वो किसी से छुपा नहीं है। ये लोग सिर्फ अपनी मजहबी पहचान की वजह से निशाने पर हैं। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि हेट स्पीच, मॉब लिंचिंग, बुलडोजर द्वारा घरों को गिराने की घटनाएं आम हो गई हैं खासतौर पर उत्तर प्रदेश में जहां ऐसा लगता है कि कानून के नाम पर जंगलराज चल रहा है। संभल में जो हुआ वो सभी के सामने है. पुलिस के संरक्षण में लोगों की हत्या की गई। इकरा हसन चौधरी ने बांग्लादेश में भी अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए उनको संरक्षण देने की मांग की है। सांसद इकरा ने कहा कि किसी भी देश में अल्पसंख्यक अगर संरक्षित नहीं रहेगा तो विकास संभव नहीं है।
08:02 PM (IST) Dec 13
कांग्रेस सांसद हैबी ईडन ने कहा कि संविधान में सरकार की ड्यूटी है लोगों की रक्षा करना। देश के प्रधानमंत्री को कपूर्स के लिए समय है लेकिन मणिपुर के लिए समय नहीं है। मणिपुर में भी बीजेपी की सरकार है, देश में भी बीजेपी की सरकार है। मणिपुर में 100 से अधिक लोगों की हिंसा में मौत हो चुकी है। काफी लोग बेघर हो चुके हैं। एक साल से राज्य जल रहा है।
07:01 PM (IST) Dec 13
आम आदमी पार्टी के सांसद मानविंदर सिंह कंग ने कहा कि यह समय देश के भाईचारा को बचाने का समय है। देश के संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति आज कपड़ों और भेषभूषा से पहचान की बात कह रहा है। किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है। पगड़ी पहने आईपीएस अफसर को बीजेपी के एक नेता ने यूपी में खालिस्तानी कहा। हमारे फंडामेंटल राइट्स को मजबूत करने का दावा किया जा रहा है लेकिन हो इसके ठीक उल्टा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्र संवैधानिक संस्थाएं भी स्वतंत्र नहीं है। चाहे इलेक्शन कमीशन हो या ज्यूडिशरी की बात करें तो उन पर सवाल उठ रहे हैं। एक जज कैसे कम्युनल बात कर सकता है। आज स्थितियां ठीक नहीं। हर रोज धार्मिक आजादी के नाते लोगों का उत्पीड़न हो रहा है। जम्मू-कश्मीर से लेकर मणिपुर तक देखिए। हर रोज लोगों के पहनावे, जाति-पात को लेकर उत्पीड़न किया जा रहा।
06:48 PM (IST) Dec 13
जगदंबिका पाल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आप समाजवाद की बात करते हैं। समाजवाद किस पर आधारित है, समाजवाद समानता पर आधारित है। जब समानता की बात करते हैं तब न्याय है। हमने न्याय की समानता को पूरा करने का काम किया। आर्टिकल 370 और 35ए को खत्म करके हमने जम्मू-कश्मीर में भी समानता का अधिकार देने का काम किया। अब पूरा देश देख रहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन चुका है और वहां संविधान पूरी तरह से लागू हो गया है। वहां पहली बार संविधान दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को नारकीय जीवन से निकाला है। तीन तलाक की वजह से बहु-बेटियों को बचाया। अल्पसंख्यक महिलाओं को नारकीय जीवन से छुटकारा दिलाकर हमने असली आजादी दी। हम समानता और न्याय की बात नहीं करते तो हम ऐसा क्यों करते। हम सबके लिए कानून का प्रावधान करते हैं। यूसीसी की बात हो रही है। आखिर यूसीसी की चर्चा, संविधान सभा से लेकर 2024 तक हो रही है। इस पर विपक्ष अपना स्टैंड बताए।
06:41 PM (IST) Dec 13
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष ने चुनाव में पूरे देश को गुमराह करने की कोशिश की है। आरक्षण को लेकर गलत आरोप लगाया गया। उन्होंने कहा कि देश में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं होती तो एससी-एसटी का रिजर्वेशन समाप्त हो जाता। 2030 तक हमने एससी-एसटी तक आरक्षण को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की बाद से बैकवर्ड को संवैधानिक अधिकार हमने दिया। बैकवर्ड कमीशन को हमने संवैधानिक दर्जा देने की बात की है। हम कानून बनाकर उनके अधिकारों की रक्षा करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने 103वां संविधान संशोधन करके ईडब्लयूएस को आरक्षण दिया। पहली बार हमने आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का काम किया।
06:03 PM (IST) Dec 13
महुआ मोइत्रा के जज लोया हत्याकांड पर टिप्पणी के बाद सत्तापक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन को आधा घंटा के लिए 6.15 बजे तक स्थगित कर दिया है।
05:30 PM (IST) Dec 13
महुआ ने कहा कि पिछले 10 साल से अधिक लोग मानते रहे कि संविधान खतरे में है। मोदी सरकार ने केवल इमरजेंसी और नेहरू पर ठीकरा फोड़ती रही और अपनी जवाबदेही से बचती रही। संविधान के सबसे बड़े अधिकार वोटर को मिले जिसकी खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई। पिछले कई इलेक्शन में देखने को मिला। इस देश में अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जा का नागरिक समझा और बनाया गया जबकि उनको भी समानता का अधिकार है। बीजेपी राज्य एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं बुलडोजर जस्टिस में। विशेषकर इससे अल्पसंख्यकों के घरों को निशाना बनाया जा रहा है। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए। यह पूरी तरह से संविधान के आर्टिकल 15 का उल्लंघन है जिसे बीजेपी शासित राज्यों ने किया।
05:29 PM (IST) Dec 13
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि संविधान केवल एक किताब नहीं है बल्कि यह देश की आत्मा और जीवन है। इस देश को और संविधान को सामान्य पुरुष और महिलाओं ने बनाया है। यह संविधान यह कहता है कि देश या संविधान से बड़ा काई एक व्यक्ति नहीं है। मोइत्रा ने शायर डॉ.हेलाल फरीद की एक नज्म से सत्ता पक्ष पर कटाक्ष किया। उन्होंने सुनाया: मुबारक घड़ी है, सजधजकर, मेकअप रचकर, खूब जंचकर देखो उसका मंच पर आना, किताब संविधान की आंखों से लगाना और फरमाना, मैं शीश को झुकाकर इस किताब को मन में बसाकर ईश्वर की शपथ लेता हूं, रात ढलने दीजिए, दिल बदलने दीजिए, कल तलब यह बेवफा, सितमगरों का बादशाह सब भूल जाएगा, नफरतें उगाएगा, दूरिया बढाएगा, रोज संविधान की धज्जियां उड़ाएगा, मगर आज जो महफिल सजी है, यही मानती है कि हीरो वही है, मुबारक घड़ी है।
05:08 PM (IST) Dec 13
फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि समाजवाद की मशाल जिसकी संविधान में व्यवस्था है उस मशाल को मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव लेकर आगे चल रहे हैं। बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने धार्मिक स्थलों को बिगाड़ने का काम किया है। हमारे देश की न्यायपालिका का हमें आभारी होना चाहिए कि उसने यह संदेश दिया है कि अब देश में कानून का राज चलेगा। देश को जलाने वालों को मौका नहीं दिया जाएगा। हमारे देश के करोड़ों नौजवान बेराजगार, देश की दौलत सोना-चांदी नहीं बल्कि हमारे युवा। लेकिन यह सरकार उनको रोजगार नहीं दे पा रही। बीजेपी अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नगरी में आम लोगों के घरों को उजाड़ रही। अयोध्या ने संदेश दिया है कि अब धर्म के नाम पर राजनीति नहीं चलेगी। अब राजनीति बाबा साहेब के संविधान की चलेगी, महंगाई दूर करने की राजनीति चलेगी। बेरोजगारी दूर करने की राजनीति चलेगी।
05:03 PM (IST) Dec 13
एलजेपी सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि हमें गर्व है कि हम वर्ष संसद में शपथ लिए जब देश संविधान का 75वां वर्ष मना रहा। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी की अगुवाइ में देश की एफडीआई बढ़ी है जबकि कांग्रेस की एसडीआई बढ़ी। एसडीआई का मतलब मैं बताउंगी तो हंगामा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष का हाल मुंह में राम बगल में छुरी वाला है। 2008 में इस सदन में कैश फार वोट स्कैम कर लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया गया था। इमरजेंसी में संविधान का चीरहरण हुआ था उसे हम सबने देखा था।
04:44 PM (IST) Dec 13
डॉ.अमोल कोल्हे ने कहा कि आज किसान मजबूरी से खेती कर रहा है क्योंकि उसके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है, रोजगार का कोई साधन नहीं है। सरकार किसान सम्मान जैसी योजनाएं तो लाती है लेकिन किसान का असली सम्मान तब होगा जब किसान को उसकी फसल का असली दाम मिलेगा, किसानों के हित में इंपोर्ट और एक्सपोर्ट पॉलिसी बनाई जाएगी। जो आर्थिक न्याय की बात किसानों पर लागू होती है वही देश के नौजवानों पर भी लागू होती है। संविधान में गरिमापूर्ण जीवन की बात कही गई है लेकिन हर इंटरव्यू की लाइन में खडे़ नौजवानों की भीड़ देखें या प्यून की नौकरी के लिए पीएचडी किए नौजवान को लाइन में खड़े देखे तो हम सोचने पर मजबूर हो जा रहे हैं कि क्या हम देश के नौजवान को गरिमापूर्ण जीवन दे रहे हैं।
04:39 PM (IST) Dec 13
एनसीपी शरदपवार गुट के सांसद डॉ.अमोल रामसिंह कोल्हे ने कहा कि संविधान में शिवाजी महाराज के स्वराज की प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि हम अमृतकाल की बात कर रहे हैं। जब अमृत की बात होगी तो हलाहल की बात तो निकलती है और जब हलाहल की बात निकले तो मंथन तो होना चाहिए। लेकिन इस मंथन में मेरा मानना है कि पुराने जख्मों को कुरेदने की बजाय वर्तमान का परीक्षण करें और भविष्य का अवलोकन करें। उन्होंने कहा कि किसी नेता का किसी उद्योगपति से क्या संबंध है, कौन किसकी फ्लाइट से गया और कौन किसको कितना डोनेशन दिया इस पर ध्यान देने की बजाय यहां इस पर ध्यान देना चाहिए कि आम आदमी, किसान और गरीब की समस्या यहां उठायी गई या नहीं। उनकी समस्या का समाधान यहां होता है या नहीं। हम देशहित के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, बहस चाहते हैं ना कि राजनीतिक नारेबाजी।
04:27 PM (IST) Dec 13
कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने संविधान पर चर्चा के दौरान सांप्रदायिक हो रहे माहौल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आजादी की लड़ाई लेकर देश की सीमाओं पर लड़े गए विभिन्न युद्ध में पंजाब और पंजाबियों के योगदान को याद करते हुए सदन में ललकारा कि जहां भारत और देश के जयकारे लगने चाहिए वहां सब कोई अपने अपने नारे लगा रहा। उन्होंने कहा कि 65 की लड़ाई में लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान-जय किसान का नारा दिया था। लेकिन आज जवान भी खत्म और किसान भी खत्म कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 1971 की लड़ाई हुई और इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए फिर उनकी जुर्रत नहीं हुई हिंदुस्तान के साथ लड़ाई करने की। आप बात करते हैं कि किया क्या हमने इतने सालों में, जब अनाज का अभाव था तो नेहरू और प्रताप सिंह कैरो ने पंजाब को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी दी। भाखड़ा डैम दिया तो हमने देश का अनाज भंडार भर दिया। आज पंजाब के हाल क्या कर दिया है। उनको देश की राजधानी में नहीं आने दिया जा रहा।
03:39 PM (IST) Dec 13
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा की बात तब होगी जब मणिपुर के लोगों का अधिकार संरक्षित किया जाएगा। देश के प्रधानमंत्री चुनाव के पहले पश्चिम बंगाल जाते हैं और संदेशखाली में कहते हैं कि संदेशखाली देश का अंग है, महिलाएं देश की बेटी है। मैं यह सवाल पूछता आज कि क्या मणिपुर देश का अंग नहीं है, क्या मणिपुर की बेटी देश की बेटी नहीं है। पीएम बताएं कि क्या मणिपुर की नारी की इज्जत, देश की इज्जत नहीं है?
02:55 PM (IST) Dec 13
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि 20 करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम चल रहा है। उनके घर तोड़े जा रहे हैं, उनके पूजा स्थलों पर कार्रवाई की जा रही है। धर्मनिरपेक्ष शासन की क्या यही परिभाषा है? यूपी में इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गईं। जिस समय यूपी का इलेक्शन चल रहा था, वोट डालने वालों को रोका गया। लोगों को वोट डालने वालों को डराया जा रहा था। ऐसे इंतजाम थे कि वह बूथ तक ना पहुंच पाएं। तस्वीरें पूरे देश और दुनिया ने देखी थीं। यूपी सरकार के इशारे पर पुलिस अधिकारी ने रिवॉल्वर दिखाकर महिलाओं को वोट डालने से रोका।
02:33 PM (IST) Dec 13
अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर वार करते हुए कहा कि इस देश में 2014 के बाद जिस तरह से विषमता बढ़ी है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। 140 करोड़ लोगों में से 82 करोड़ सरकारी अन्न पर जिंदा है। जो देश को यह कहते हैं कि हम दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गए हैं। 3 पर पहुंच गए हैं और ऊपर जाएंगे। मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि जब 82 करोड़ सरकारी अन्न पर जिंदा है और देश की संपूर्ण संपत्ति के दो-तिहाई हिस्से पर देश के कुछ परिवारों का कब्जा है तो सरकार में हिम्मत है तो वह देश के इन 60 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की प्रति व्यक्ति आय के बारे में बताए। जब हमारी अर्थव्यवस्था ऊंचाई पर जा रही है तो हमारे 60 प्रतिशत जो गरीब लोग हैं उनकी आय क्या है और क्यों नहीं बढ़ी।
02:27 PM (IST) Dec 13
अखिलेश यादव ने कहा कि आज 75 साल बाद हमारी सीमाएं कितनी सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि केवल 12 किलोमीटर सड़क बनी थी और पड़ोसी देश ने क्या क्या नहीं कहा। और वह समय आएगा जब मानसरोवर और कैलाश पर्वत जाने के लिए भी वह देश हमे रोकने की कोशिश करने लगा। क्या लद्दाख के वह फिंगर्स जहां हम पहले थे क्या हमारी सेनाएं वहां खड़ी है या नहीं?
02:20 PM (IST) Dec 13
अखिलेश ने कहा कि आज सीमाओं की रक्षा करना संप्रभु का सबसे अहम कर्तव्य है। लेकिन आज सीमा पर समय-समय पर सेंध लगती हो और हमारे मंत्री बेहतर जानते होंगे कि कई जगह पर हमारी सीमा सिकुड़ रही हैं। हमारे संसदीय मंत्री अरुणाचल प्रदेश में रहते हैं। वो जानते होंगे कि हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं। लद्दाख की तरफ अभी दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं। हम अपनी सीमा में ही पीछे हटे हैं। चीन जो हमारी सीमा के अंदर आ गई थी, वो आंशिक रूप से पीछे हटी है। उस सीमा के पास रेजांग ला मेमोरियल बना था। जिस समय लद्दाख को लेकर बात उठी, उस मेमोरियल को तोड़ दिया गया।
02:13 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि पहले राजा भेष बदलकर आलोचना सुनने जाता था लेकिन आज का राजा भेष तो बदलते हैं, शौक तो है उनको भेष बदलने का लेकिन न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। मैं तो सदन में नई हूं। सिर्फ 15 दिन से आ रही हूं। मुझे ताज्जुब होता है कि इतने बड़े-बड़े मुद्दे हैं और प्रधानमंत्री जी सिर्फ एक दिन के लिए 10 मिनट दिखे हैं। ये देश भय से नहीं, साहस और संघर्ष से बना है। इसको बनाने वाले देश के किसान, जवान, करोड़ों मजदूर और गरीब जनता है। संविधान इनको साहस देता है। मेहनती मिडिल क्लास है। इस देश के करोड़ों देशवासी हैं, जो रोजाना भयंकर परिस्थितियों का सामना करते हैं, उनको साहस देता है। ये देश भय से नहीं चलता है। भय की भी सीमा होती है और जब वो पार हो जाती है तो उसमें एक ऐसी शक्ति पैदा होती है, जिसके सामने कोई कायर नहीं खड़ा हो सकता। देश ज्यादा देर तक कायरों के हाथ में नहीं रहा है। ये देश उठेगा, लड़ेगा, सत्य मांगेगा।
02:10 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि पूरे देश में भय का माहौल है। विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है। उनको सताया जा रहा है। मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा। शायद वह भी भय में हैं। मैं याद दिलाना चाहती हूं कि ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था। जब इस तरफ बैठे हुए गांधी के विचारधारा के लोग आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तब उस विचारधारा के लोग अंग्रेजों के साथ सांठ-गांठ कर रहे थे। लेकिन भय का भी अपना स्वभाव होता है, भय फैलाने वाले खुद भय का शिकार बन जाते हैं। आज इनकी भी यही हालत हो गई है। भय फैलाने के इतने आदी हो गए हैं कि चर्चा से डरते हैं, आलोचनाओं से डरते हैं।
01:59 PM (IST) Dec 13
वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए संविधान को छोड़िए ये लोग देश की एकता की भी सुरक्षा नहीं कर सकते। संभल में देखा, मणिपुर में देखा। इनका कहना है कि अलग-अलग इस देश के अलग-अलग हिस्से हैं। हमारा संविधान कहता है कि ये देश एक है और एक रहेगा। जहां खुला विवाद होता था, अभिव्यक्ति का सुरक्षा कवच होता था, इन्होंने भय का माहौल पैदा किया है। सत्तापक्ष के मेरे साथी अक्सर 75 साल की बात करते हैं लेकिन 75 सालों में ये उम्मीद, आशा, अभिव्यक्ति की ज्योति थमी नहीं। जब-जब जनता नाराज हुई, सत्ता को ललकारा। चाय की दुकानों में, नुक्कड़ की दुकानों में, चर्चा कभी बंद नहीं हुई लेकिन आज ये माहौल नहीं है। आज जनता को सच बोलने से डराया जाता है।
01:57 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी यहां सदन में संविधान की किताब को माथे से लगाते हैं लेकिन संभल में, मणिपुर में न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन तक नहीं आती। शायद समझ नहीं पाए हैं कि भारत का संविधान संघ का विधान नहीं है, भारत के संविधान ने हमें एकता दी है। हमें आपसी प्रेम दिया, उस मोहब्बत की दुकान जिस पर आपको हंसी आती है, उसके साथ करोड़ों देशवासी चले। इनकी जो विभाजनकारी नीतियां हैं, उसका नतीजा हम रोज देखते हैं।
01:55 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि ये लोग सरकारों को पैसे के बल पर गिरा देते हैं। सत्तापक्ष के हमारे साथी ने उदाहरण दिया यूपी सरकार का। मैं भी उदाहरण दे देती हूं महाराष्ट्र की सरकार का, गोवा की सरकार, हिमाचल की सरकार, क्या ये सरकारें जनता ने नहीं चुनी थीं? पूरे देश की जनता जानती है कि इनके यहां तो वाशिंग मशीन है। जो यहां से वहां जाता है, वो धुल जाता है। इस तरफ दाग, उस तरफ स्वच्छता. मेरे कई ऐसे साथी हैं, जो इस तरफ होते थे, उस तरफ चले गए, मुझे दिख भी रहे हैं कि वाशिंग मशीन में धुल गए हैं। जहां भाईचारा और अपनापन होता था, वहां शक और घृणा के बीज बोए जा रहे हैं। एकता का सुरक्षा कवच तोड़ा जा रहा है।
01:49 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि अडानी जी को सारे कोल्ड स्टोरेज आपकी सरकार ने दिए। देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 142 करोड़ देश की जनता को नकारा जा रहा है। सारे बिजनेस, सारे संसाधन, सारी दौलत, सारे मौके, एक ही व्यक्ति को सौंपे जा रहे हैं। सारे बंदरगाह, एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे का काम, कारखाने, खदानें, सरकारी कंपनियां सिर्फ एक व्यक्ति को दी जा रही हैं। जनता को भरोसा था कि अगर कुछ नहीं है तो संविधान हमारी रक्षा करेगा। मगर आज सरकार सिर्फ अडानीजी के मुनाफे पर चल रही है। जो गरीब है वो और गरीब हो रहा है। जो अमीर है, वो और अमीर हो रहा है।
01:48 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज हमारे साथी ज्यादातर अतीत की बात करते हैं। अतीत में क्या हुआ। नेहरू जी ने क्या किया। अरे वर्तमान की बात करिए। देश को बताइए। आप क्या कर रहे हैं। आपकी जिम्मेदारी क्या है। सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू की है। ये सरकार आर्थिक न्याय का सुरक्षा कवच तोड़ रही है। आज संसद में बैठी सरकार बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही जनता को क्या राहत दे रही है। कृषि कानून भी उद्योगपतियों के लिए बन रहे हैं। वायनाड से लेकर ललितपुर तक इस देश का किसान रो रहा है। आपदा आती है तो कोई राहत नहीं मिलती। भगवान भरोसे है आज इस देश का किसान। जितने भी कानून बने हैं, वो बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए बन रहे हैं। हिमाचल में सेब के किसान रो रहे हैं क्योंकि एक व्यक्ति के लिए सब बदल रहा है।
01:46 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि पहले संसद चलती थी तो जनता की उम्मीद होती थी कि सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा करेगी। लोग मानते थे कि नई आर्थिक नीति बनेगी तो अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बनेगी। किसान और आदिवासी भाई बहन भरोसा करते थे यदि जमीन के कानून में संशोधन होगा तो उनकी भलाई के लिए होगा। आप नारी शक्ति की बात करते हैं। आज चुनाव की वजह से इतनी बात हो रही है। क्योंकि हमारे संविधान ने उनको ये अधिकार दिया। उनकी शक्ति को वोट परिवर्तित किया। आज आपको पहचानना पड़ रहा है कि उनके बिना सरकार नहीं बन सकती। जो आप नारी शक्ति का अधिनियम लाए हैं, उसे लागू क्यों नहीं करते। क्या आज की नारी 10 साल उसका इंतजार करेगी।
01:45 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज जातिगत जनगणना की बात हो रही है। सत्तापक्ष के साथी ने इसका जिक्र किया। ये जिक्र इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव में ये नतीजे आए। ये इसलिए जरूरी है ताकि हमें पता चले कि किसकी क्या स्थिति है। इनकी गंभीरता का प्रमाण ये है कि जब चुनाव में पूरे विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई जातिगत जनगणना होनी चाहिए। तो इनका जवाब था- भैंस चुरा लेंगे, मंगलसूत्र चुरा लेंगे। ये गंभीरता है इनकी। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने आर्थिक न्याय की नींव डाली। किसानों, गरीबों को जमीन बांटी। जिसका नाम लेने से कभी-कभी झिझकते हैं और कभी-कभी धड़ाधड़ इस्तेमाल किया जाता है, उन्होंने तमाम पीएसयू बनाए। उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है। भाषणों से मिटाया जा सकता है। लेकिन उनकी जो भूंमिका रही, देश की आजादी के लिए, देश के निर्माण के लिए, उसे कभी मिटाया नहीं जा सकता।
01:42 PM (IST) Dec 13
प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे देश के करोड़ों देशवासियों के संघर्ष में, अपने अधिकारों की पहचान में, और देश से न्याय की अपेक्षा ने हमारे संविधान की ज्योत जल रही है। मैंने हमारे संविधान की ज्योत को जलते हुए देखा है। हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। न्याय का कवच है। एकता का कवच है। अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। दुख की बात ये है कि मेरे सत्तापक्ष के साथी जो बड़ी बड़ी बातें करते हैं, उन्होंने 10 सालों में ये सुरक्षा कवच तोड़ने का प्रयास किया है। संविधान में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय का वादा है, ये वादा सुरक्षा कवच है, जिसको तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। लेटरल एंट्री और निजिकरण के जरिए सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है। अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो संविधान बदलने का काम भी शुरू कर देती। इस चुनाव में इनको पता चल गया कि देश की जनता ही इस संविधान को सुरक्षित रखेगी। इस चुनाव में हारते-हारते जीतते हुए एहसास हुआ कि संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी।
01:23 PM (IST) Dec 13
संसद में संविधान डिबेट में पहली बार सांसद बनीं प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे देश की और धर्म की परंपरा हजारों साल पुरानी है। एक गौरवशाली परंपरा है दर्शन, वेदों में दिखता है। वाद-विवाद और संवाद की हमारी पुरानी संस्कृति है। इस्लाम धर्म, सूफियो, जैन, सिख में भी वाद-विवाद, संवाद की यह संस्कृति रही है। स्वतंत्रता संग्राम विश्व में अनोखा संग्राम था- अहिंसा और सत्य की लड़ाई थी। इसमें देश के किसान, जवान, मजदूर, अधिवक्ता, बुद्धिजीवी चाहे वह किसी जाति-धर्म और भाषा के हों, सब इस लड़ाई में शामिल थे। इससे देश की आवाज उठी साहस की आवाज थी, आजादी की आवाज थी। उसी की गूंज ने हमारे संविधान को लिखा और बनाया। ये सिर्फ दस्तावेज नहीं है, बाबा साहेब अंबेडकर, मौलाना आजाद जी, राजगोपालाचारी जी, जवाहर लाल नेहरू जी और उस समय के तमाम नेता इस संविधान को बनाने का कार्य में जुटे रहे।
01:18 PM (IST) Dec 13
राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस चाहे जितनी भी कोशिश कर ले लेकिन हम संविधान के मूल चरित्र को खत्म नहीं होने देंगे। आप इतिहास देखें तो कांग्रेस ने आपातकाल में संविधान के मूल चरित्र को खत्म करने की कोशिश की तो हमने पूरी ताकत से उसका विरोध किया था। संविधान के सिपाहियों ने जेल की यातना भोगी। मैं भी 18 महीने की यातना भोगी। मां की मौत होने पर मुखाग्नि के लिए मुझे पेरोल भी नहीं दिया गया। कांग्रेस नेताओं ने संविधान का इस्तेमाल अपने निजी स्वार्थ के लिए किया।
01:14 PM (IST) Dec 13
राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान में बार-बार संशोधन कर कांग्रेस शासक ने अपनी तानाशाही से निजी स्वार्थ साधने की कोशिश की। तानाशाह के यह प्रयास क्या जनता को फिर से प्रजा बनाने की कोशिश नहीं। आज उसी पार्टी के लोग संविधान की रक्षा की दुहाई दे रहे हैं। उसी पार्टी के लोग जाति के आधार पर जनगणना कराने का प्रयास कर रहे हैं। जनगणना कराएं हमें कोई आपत्ति नहीं लेकिन मैं चाहता हूं कि जनता की आंखों में धूल झोंककर ऐसा प्रयास न किया जाए। राजनीति करनी है तो जनता के आंखों में आंख डालकर करना चाहिए। आपको एक ब्लूप्रिंट लेकर आना चाहिए। एक मसौदा तैयार करना चाहिए कि अगर जातिगत जनगणना कराएंगे तो किस जाति को कितना आरक्षण देंगे, इसका प्रतिशत स्पष्ट करना चाहिए। और यदि ऐसा मसौदा तैयार होता है तो यदि यह संसद सहमत हो तो उस पर चर्चा भी हो।
01:07 PM (IST) Dec 13
इमरजेंसी का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की निहित भावना को खत्म करने की बार बार कोशिश की है। साल 1975 में 38वें संशोधन से आपातकाल लगाने के निर्णय को नॉन-जस्टिएबल बनाने की कोशिश की गई, इलेक्शन लॉ अमेंडमेंट बिल लाकर उन सारे गलत चुनावी कार्यों को सही ठहराना था जिसका उपयोग इंदिरा गांधी के चुनाव की वैधता को चुनौती दी गई थी। एक निंदनीय संशोधन जो अंतत: लैप्स हो गया। इसे 1976 में किया गया। इस संशोधन का उद्देश्य राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल को उनका पद ग्रहण करने के पहले उनके सभी आपराधिक कार्यों से रक्षा करना था। चाहे जो भी अपराध किया हो वह सब क्षम्य है। इसका मतलब यह कि कोई भी अपराधी अगर एक दिन के लिए ऐसे पदों पर बैठ जाए तो उसके सारे अपराध माफ। संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग यहीं नहीं रूका। 42वें संशोधन में यह तय किया गया कि किसी भी कानून की वैधानिकता सात न्यायाधीशों की बेंच ही तय कर सकती है और किसी भी कानून को केवल दो-तिहाई बहुमत से ही रद्द किया जा सकता। एक तानाशाह का अपने निजी स्वार्थ के लिए किया गया प्रयास नहीं था?
12:57 PM (IST) Dec 13
राजनाथ सिंह ने कहा कि मौलिक अधिकारों को कांग्रेस कमजोर करने की कोशिश करती है। बाबा साहेब अंबेडकर हमेशा से कांग्रेस से इसके खिलाफ लड़ते रहे। कांग्रेस सरकार ने जब मौलिक अधिकारों को कमजोर करने के लिए चौथा संशोधन लाया तो बाबा साहेब अंबेडकर ने खिलाफत की थी।
12:52 PM (IST) Dec 13
राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान का उपयोग राजनैतिक हित के लिए किया। हमने तो सुशासन को मजबूत किया। मंत्रिपरिषद के आकार को हमारी अटल जी की सरकार ने सीमित करने का काम किया। कांग्रेस ने संविधान का संशोधन नहीं किया बल्कि दुर्भावना से उसे बदलने का काम किया। पंडित जवाहर लाल नेहरू जब पीएम थे तो 17 बार संविधान में बदलाव किया गया, इंदिरा गांधी के राज में लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किया गया तो राजीव गांधी के कार्यकाल में लगभग 10 बार संविधान में बदलाव किया गया। मनमोहन सिंह के समय लगभग 7 बार संविधान में बदलाव किया गया। कांग्रेस सरकार में किए गए संशोधन या तो विरोधियों या आलोचकों को चुप कराने के लिए किए गए या तो गलत कार्यों को लागू करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि पहले संविधान संशोधन को ले लीजिए, प्रेस में सरकार की आलोचना को प्रतिबंधित करने के लिए किया गया। इसके तहत आरएसएस के मुखपत्र आर्गेनाइजर को प्रतिबंधित किया गया। हालांकि, कोर्ट ने सेंशरशिप को रद्द कर दिया। देश में पहला चुनाव भी नहीं हुआ था लेकिन आलोचकों का मुंह बंद कराने के लिए यह किया गया।
12:42 PM (IST) Dec 13
राजनाथ सिंह ने कहा कि बीजेपी हमेशा से ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और संविधान के प्रति निष्ठा व्यक्त की है। हम कांग्रेस की तरह इसका राजनीतिक उपयोग नहीं करते। हमने संविधान को जिया है।