Pegasus spyware issue : लोकसभा अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि पिछले साल संसद के मानसून सत्र (Parliament monossn session)में यह मुद्दा उठा। विपक्षी पार्टियों ने इस स्कैंडल पर चर्चा करने की मांग की। लेकिन सरकार ने संसद में हर बार यही कहा कि सरकार ने यह जासूसी सॉफ्टवेयर कभी खरीदा ही नहीं।
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र (Parliament bedget session 2022) शुरू होने से पहले ही पेगासस मामला (Pegasus issue) फिर उछलने लगा है। लोकसभा (Loksabha) में कांग्रेस (Congress) के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष (Lok sabha speaker) ओम बिरला (Om birla) को एक पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव चलाने की मांग की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर का दिया हवाला
लोकसभा अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने लिखा है कि न्यूयॉर्क टाइम्स में 28 जनवरी 2022 को छपी खबर के मुताबिक भारत सरकार ने 2017 में 20 लाख डॉलर के डील पैकेज के साथ जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की डील की। इसके जरिये राजनेताओं, जजों, पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया। पिछले साल संसद के मानसून सत्र (Parliament monossn session)में यह मुद्दा उठा। विपक्षी पार्टियों ने इस स्कैंडल पर चर्चा करने की मांग की। लेकिन सरकार ने संसद में हर बार यही कहा कि पेगासस को लेकर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। उसने दावा किया कि इजराइल के NSO ग्रुप से यह जासूसी सॉफ्टवेयर कभी खरीदा ही नहीं गया।
सदन को गुमराह करने का आरोप
अधीर रंजन ने अपने पत्र में लिखा है कि मोदी सरकार ने इस जासूसी सॉफ्टवेयर के बारे में सुप्रीम कोर्ट तक में झूठ बोला। यही नहीं, सरकार ने शपथ पत्र में कहा कि हम पेगासस मुद्दे को लेकर सभी आरोपों को नकारते हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की ताजा रिपोर्ट सामने आने के बाद स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने पेगासस के मुद्दे को लेकर संसद, सुप्रीम कोर्ट और देश की जनता से झूठ बोला। इन सबको देखते हुए मैं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के खिलाफ सदन को गुमराह करने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश करता हूं।
क्या है पेगासस जासूसी मामला
पिछले साल यह मामला सामने आया था। दावा किया गया था कि इस स्पाइवेयर की मदद से 300 से ज्यादा भारतीय नंबरों की जासूसी की गई है। इसके जरिये राजनेता, जज, पत्रकार और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की निगरानी की गई है। मोदी सरकार पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कुछ मंत्रियों और जजों समेत कई वरिष्ठ लोगों की कथित जासूसी का आरोप लगा था। पेगासस इजराइल का जासूसी सॉफ्टवेयर है और यह सिर्फ सरकारों को ही बेचा जाता है। हालांकि, मोदी सरकार ने हमेशा इस जासूसी उपकरण को खरीदने की बात से इंकार किया है।
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