दिल्ली के MCD स्कूल में 5वीं क्लास की छात्रा के साथ इंजेक्शन लगाकर गैंगरेप, स्कूल के चपरासी ने 4 साथियों संग मिलकर की दरिंदगी

दिल्ली नगर निगम के स्कूल में पढ़ने वाली 10 साल की बच्ची से गैंगरेप के आरोपी चपरासी और उसके साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची को नशे का इंजेक्शन लगाकर गैंगरेप किया गया था।

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने MCD स्कूल के चपरासी और उसके साथियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पांचवीं क्लास में पढ़ने वाली 10 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप किया था। चपरासी की पहचान अजय कुमार के रूप में हुई है।

वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है। वह अपने परिवार के साथ गाजियाबाद में रहता था। वह स्कूल में पिछले 10 साल से काम कर रहा था। MCD अधिकारियों के अनुसार दो स्कूल इंस्पेक्टर्स की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अजय कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल और क्लास टीचर को समय रहते कार्रवाई नहीं करने के चलते नोटिस भेजा गया है।

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14 मार्च को हुई थी घटना

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना 14 मार्च को हुई थी। बच्ची चपरासी को लंबे समय से जानती थी, जिसके चलते वह उसपर भरोसा करती थी। चपरासी ने इसी भरोसे का कत्ल किया। उसने बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ सुनसान जगह ले गया। उसने बच्ची को नशे का इंजेक्शन लगाया, जिससे वह बेसुध हो गई। इसके बाद चपरासी और उसके तीन-चार साथियों ने बच्ची के साथ गैंगरेप किया।

स्कूल ने देर से दी पुलिस को जानकारी

डीएसपी (इस्ट) अमृता गुगुलोथ ने बताया कि बच्ची पुलिस को यह नहीं बता सकी कि उसके साथ कहां घटना हुई थी। गैंगरेप के बाद आरोपियों ने बच्ची को स्कूल में छोड़ा था। बच्ची घर गई तो अपनी मां को घटना की जानकारी दी। अगले दिन बच्ची स्कूल नहीं गई और अपनी फाइनल परीक्षा छोड़ दी। जब शिक्षक ने छात्रा के भाई से पूछा कि बहन स्कूल क्यों नहीं आई तो उसने घटना की जानकारी दी।

गुगुलोथ ने कहा कि पीड़ित बच्ची के परिजनों ने घटना की जानकारी स्कूल को 15 मार्च को दी थी। इसके बाद भी प्रिंसिपल और अन्य शिक्षकों ने पुलिस को मामले की जानकारी 22 मार्च को दी। जब हमने स्कूल के कर्मियों से देर से रिपोर्ट देने के बारे में पूछा तो उन्होंने दावा किया कि संबंधित विभाग को इसकी खबर दी थी।

बदनामी के डर से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराना चाहते थे परिजन

गुगुलोथ ने बताया कि घटना के बारे में जानकारी मिलने के तुरंत बाद पुलिस अधिकारी बच्ची के परिजनों से मिले। उन्होंने बच्ची को काउंसलिंग और मेडिकल जांच के लिए भेजने के लिए कहा। बदनामी के डर से परिवार रिपोर्ट दर्ज नहीं कराना चाहता था। परिवार के लोग शहर छोड़कर चले गए थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें बुलाया और रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए मनाया।

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