तमिलनाडु घूमने आने वाले यहूदियों पर PFI ने बनाई थी हमले की योजना, NIA ने किया खुलासा

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक मॉड्यूल ने विदेशियों पर हमला करने की तैयारी की थी। उसके निशाने पर तमिलनाडु घूमने आने वाले यहूदी थे। इस मॉड्यूल में करीब 15 युवक शामिल थे। 
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 29, 2022 1:26 PM IST / Updated: Sep 29 2022, 07:00 PM IST

नई दिल्ली। प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने तमिलनाडु घूमने आने वाले यहूदियों पर हमला करने की योजना बनाई थी। एनआईए (National Investigation Agency) ने यह खुलासा किया है। एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि पीएफआई राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही थी। 

पीएफआई के एक मॉड्यूल ने विदेशियों पर हमला करने की तैयारी की थी। तमिलनाडु के हिल स्टेशन Vattakkanal आने वाले यहूदियों पर वे विशेष रूप से हमला करने की तैयारी में थे। एनआईए द्वारा किए गए जांच से पता चला है कि इस मॉड्यूल में करीब 15 युवक शामिल थे। इनमें अधिकतर युवक दक्षिणी राज्यों के ऐसे पीएफआई कार्यकर्ता थे जो वैश्विक आतंकी समूह ISIS की ओर आकर्षित थे। इसके साथ ही इस मॉड्यूल ने हाईकोर्ट के जजों, सीनियर पुलिस अधिकारियों और अहमदिया संप्रदाय के मुसलमानों पर आतंकी हमला करने की साजिश रची थी।

आईएसआईएस में शामिल होने के लिए युवाओं को कर रहे थे तैयार
अधिकारियों ने कहा कि मॉड्यूल ने महत्वपूर्ण लोगों और सार्वजनिक महत्व के स्थानों को टारगेट करने की साजिश रची थी। इसके लिए वे विस्फोटक और अन्य सामग्री एकत्र कर रहे थे। पीएफआई का अंसार-उल-खिलाफा केरल मॉड्यूल भी आईएसआईएस में शामिल होने के लिए मुस्लिम युवाओं को भर्ती करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने के गुप्त अभियान में शामिल था। ISIS की विचारधारा के प्रचार के लिए इंटरनेट आधारित प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया जा रहा था।

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जांचकर्ताओं द्वारा की गई सक्रिय निगरानी में मनसीड, स्वालिथ मोहम्मद, राशिद अली सफवान और जसीम एनके नाम के पांच संदिग्ध मिले। इन्हें 2 अक्टूबर, 2016 को केरल के कन्नूर जिले से गिरफ्तार किया गया था। बाद में आरोपियों के घर पर तलाशी ली गई और डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में पूछताछ से पता चला कि आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, टेलीग्राम आदि पर कथित रूप से सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए बातचीत की थी। इस साजिश में उन्हें देश के भीतर और बाहर से मदद मिल रही थी।

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