CAA के विरोध पर अपनी बेटी के बचाव में उतरे गांगुली, कहा, अभी वह बहुत छोटी लड़की है

अपनी बेटी द्वारा किए गए पोस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने सफाई पेश की है।उन्होंने कहा कि उनकी बेटी अभी छोटी है, उसे राजनीति से दूर रखें। गांगुली ने कहा, 'कृपया सना को इन सभी मुद्दों से दूर रखें.. यह पोस्ट सच नहीं है..।

Asianet News Hindi | Published : Dec 19, 2019 2:25 AM IST / Updated: Dec 19 2019, 10:47 AM IST

नई दिल्ली. नागरिकता कानून पर मचे रार के बीच विरोध के मैदान में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली की बेटी भी कूद गईं है। जिसके बाद अपनी बेटी द्वारा किए गए पोस्ट को लेकर सौरव गांगुली ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी अभी छोटी है, उसे राजनीति से दूर रखें। गांगुली ने कहा, 'कृपया सना को इन सभी मुद्दों से दूर रखें.. यह पोस्ट सच नहीं है.. राजनीति के बारे में कुछ भी जानने के लिए वो बहुत छोटी लड़की है।'

कुछ देर बाद हटा दिया था पोस्ट 

गांगुली की बेटी सना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने सीएए के प्रति विरोध जताया था। हालांकि, कुछ देर बाद ही उनका ये पोस्ट हटा दिया गया। लेकिन उनके पोस्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया गया। इस पोस्ट में लिखा है, 'नफरत के आधार पर शुरू हुआ आंदोलन, भय और संघर्ष के माहौल के बने रहने तक ही चलता है। आज के समय में जो यह सोचकर खुद को महफूज मान रहे हैं कि वो मुसलमान नहीं हैं, वो मूर्खों की दुनिया में हैं।' इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि संघ यानी आरएसएस पहले से ही उन युवाओं पर निशाना साधता रहा है जो वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हैं।'

गांगूली ने दी सफाई 

इस पोस्ट के वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया। जिसके बाद अपनी बेटी के बचाव में गांगूली को खुद उतरना पड़ा। जिसमें उन्होंने कहा कि वो अभी बेहद छोटी हैं, उन्हें इन सब चीजों से दूर रखें। यह पोस्ट सच नहीं है.. राजनीति के बारे में कुछ भी जानने के लिए वो बहुत छोटी लड़की है। 

जारी है विरोध

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून का देश भर में विरोध हो रहा है। देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। हालांकि हिंसा की बढ़ती घटनाएं देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दरअसल, पाकिस्तान, आफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित गैर मुस्लिम लोगों को नागरिकता का अधिकार देने के इस कानून का विरोध किया जा रहा है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस कानून से भारतीयों को रत्ती भर नहीं आंच आएगी। बावजूद इसके विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। 

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