पुलिस स्मृति दिवस पर PM मोदी-शाह ने शहीद पुलिस कर्मियों को दी श्रद्धांजलि, जानिए क्यों मनाया जाता है ये दिन

कोरोना महामारी के बीच आज देश में पुलिस स्‍मृति दिवस (Police Commemoration Day) मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशसेवा में बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच आज देश में पुलिस स्‍मृति दिवस (Police Commemoration Day) मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशसेवा में बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुलिस स्मृति दिवस 2020 के मौके पर देश रक्षा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा, पुलिस स्मृति दिवस पूरे भारत में हमारे पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। हम देशसेवा में शहीद हुए सभी पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देते हैं। उनके बलिदान और सेवा को हमेशा याद किया जाएगा। 

Latest Videos

 


अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि
पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पहुंचकर देश रक्षा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

 


कोरोना के खिलाफ जंग में 343 पुलिसकर्मी हुए शहीद
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, आजादी से लेकर अबतक देश के सभी राज्यों के पुलिस और सशस्त्रबलों के जिन जवानों ने अपनी शहादत दी है, उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा, अब तक 35,398 ​कर्मियों ने शहादत दी है, मैं सभी शहीदों के परिवार जनों को कहना चाहता हूं कि ये स्मारक (राष्ट्रीय पुलिस स्मारक) सिर्फ ईंट, पत्थर और सीमेंट से बना स्मारक नहीं है। शाह ने बताया कि कोरोना के खिलाफ जंग में 343 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई। 

बलिदान को याद करते हुए मनाया जाता है ये दिवस
हमारे देश में सुरक्षाबलों के साथ साथ पुलिसकर्मियों के शौर्य और बलिदान का इतिहास भी किसी से कम नहीं है। साल 1959 में पुलिसकर्मी चीनी सैनिकों की गोलियां सीने पर खाकर शहीद हुए थे। देश की सेवा के लिए सैनिकों ने जो बलिदान दिया था, उसी की याद में हरसाल ये पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। 

क्या हुआ था उस दिन? 
21 अक्टूबर 1959 को 10 पुलिसकर्मियों ने अपना बलिदान दिया था। उस वक्त  तिब्बत के साथ भारत की 2,500 मील लंबी सीमा की निगरानी भारतीय पुलिस के हवाले थी। 20 अक्टूबर को पुलिसकर्मियों की एक टोली लापता हो गई थी। अगले दिन इसकी तलाश में एक दूसरी टुकड़ी निकली। इसमें करीब 20 पुलिसकर्मी थे। जब ये टुकड़ी अपने लापता साथियों की तलाश कर रहे थे, उस वक्त चीनी सैनिकों ने पहाड़ी से गोलियां चलाना शुरू कर दिया। भारतीय पुलिसकर्मी निहत्थे थे। इस हमले में 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जबकि 7 जख्मी हुए थे।
 
कब से मनाया जाता है ये दिवस?
जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों का वार्षिक सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में लद्दाख में शहीद हुए वीर पुलिसकर्मियों और साल के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया। तब से ही ये दिवस मनाया जाने लगा।  

Share this article
click me!

Latest Videos

Year Ender 2024: Modi की हैट्रिक से Kejriwal - Hemant Soren के जेल तक, 12 माह ऐसे रहे खास
ऐसा क्या बोले राजनाथ सिंह सभा में लगने लगे 'योगी बाबा' के नारे #Shorts #rajnathsingh
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market
Christmas 2024: आखिर क्रिसमस पर चुपके से ही क्यों गिफ्ट देता है सेंटा क्लॉज ? । Santa Claus Story
Pushpa 2 Reel Vs Real: अल्लू अर्जुन से फिर पूछताछ, क्या चाहती है सरकार? । Allu Arjun