डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन (Mette Frederiksen) शनिवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचीं। यहां PM नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया।
नई दिल्ली. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन (Mette Frederiksen) शनिवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचीं। उनकी अगवानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने की। मेटे रविवार को ताजमहल (Tajmahal) और आगरा के किले का दीदार करेंगी। इसे देखते हुए कल ताजमहल आमजन के लिए दो घंटे तक बंद रहेगा। मेटे ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। डेनमार्क की प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया।
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भारत हमारा करीब पार्टनर
इस मौके पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन (Mette Frederiksen) ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा-हम भारत को एक बहुत करीबी पार्टनर मानते हैं। मैं इस यात्रा को डेनमार्क-भारत द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मील के पत्थर के रूप में देखती हूं।
विदेश मंत्री से भी मुलाकात
मेटे ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। बता दें कि विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर 10-13 अक्टूबर तक किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और आर्मेनिया का दौरा करेंगे।
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दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत होंगे
मेटे फ्रेडरिक्सन (Mette Frederiksen) मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर दोनों देशों के बीच आपसी रिश्ते और मजबूत करने पर जोर देंगी। भारत के लिए मेटे फ्रेडरिक्सन का यह दौरा बेहद खास है। एक साल से कोरोना प्रतिबंध के बाद भारत का दौरा करने वाली वे पहली राष्ट्राध्यक्ष हैं। बता दें कि भारत और डेनमार्क के मजबूत कारोबारी और निवेश से जुड़े अच्छे रिश्ते हैं। भारत में डेनमार्क की करीब 200 से अधिक कंपनियां कार्यरत हैं। वहीं, डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं। दोनों देशो कें बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जल एवं कचरा प्रबंधन, कृषि एवं पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डिजिटकलीकरण, स्मार्ट सिटी, पोत क्षेत्र में बिजनेस रिलेशन हैं।
छात्रों और लोगों से संवाद भी करेंगी
डेनमार्क की प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन यहां छात्रों और नागरिकों से भी संवाद करेंगी। बता दें कि 28 सितंबर 2020 को डिजिटल माध्यम से हुए शिखर बैठक में भारत और डेनमार्क ने ‘हरित सामरिक गठजोड़’ स्थापित किया था।
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दोनों देशों ने किया एग्रीमेंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद एग्रीमेंट का आदान-प्रदान हुआ।
मेट ने कहा-आज हम पानी और ग्रीन ईंधन पर काम करने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों पर भी साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। हमारा हरित सहयोग बहुत महत्वाकांक्षी है।
हम दो लोकतांत्रिक देश हैं, जो नियमों पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन ट्रांजिशन साथ-साथ चल सकते हैं।
मोदी ने कहा-आज से एक साल पहले हमने अपने वर्चुअल समिट में भारत और डेनमार्क के बीच ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह हम दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
आज की हमारी मुलाकात भले ही पहली रूबरू मुलाकात थी, लेकिन कोरोना कालखंड में भी भारत और डेनमार्क के बीच संपर्क और सहयोग की गति बरकरार रही थी।
हम जिस स्केल और स्पीड से आगे बढ़ना चाहते हैं, उसमें डेनमार्क की विशेषज्ञता और तकनीक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। भारत की अर्थव्यवस्था में आए रिफॉर्म्स विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उठाए गए कदम ऐसी कंपनियों के लिए अपार अवसर प्रस्तुत कर रहे हैं।
हमने आज यह निर्णय भी लिया कि हम अपने सहयोग के दायरे का सतत रूप से विस्तार करते रहेंगे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नई पार्टनरशिप की शुरुआत की है। भारत में कृषि उत्पाद और किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने कृषि संबंधित तकनीक में भी सहयोग करने का निर्णय लिया है।