आखिर कौन सी थी वह घटना जिसे याद कर पहले मोदी रोए फिर उसी को याद कर गुलाम नबी आजाद भी भावुक हो गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद को विदाई देते वक्त भावुक हो गए। दरअसल, पीएम मोदी गुलाम नबी आजाद से जुड़ी एक घटना का जिक्र कर रहे थे, तभी वे इतने भावुक थे, कि उनकी आंखों से आंसू आने लगे। इसके बाद वे फफक फफक कर रोने लगे। इस दौरान उन्होंने कई बार पानी भी पिया। इसके बाद इसी घटना का जिक्र कर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी भावुक हो गए। आईए जानते हैं कि 2005 में ऐसा क्या हुआ था?

Asianet News Hindi | Published : Feb 9, 2021 8:12 AM IST / Updated: Feb 09 2021, 01:44 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद को विदाई देते वक्त भावुक हो गए। दरअसल, पीएम मोदी गुलाम नबी आजाद से जुड़ी एक घटना का जिक्र कर रहे थे, तभी वे इतने भावुक थे, कि उनकी आंखों से आंसू आने लगे। इसके बाद वे फफक फफक कर रोने लगे। इस दौरान उन्होंने कई बार पानी भी पिया। इसके बाद इसी घटना का जिक्र कर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी भावुक हो गए। आईए जानते हैं कि 2005 में ऐसा क्या हुआ था?

पीएम मोदी किस बात पर भावुक हुए?
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की विदाई पर बोलते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए। जम्मू-कश्मीर में गुजरात तीर्थयात्रियों पर एक आतंकवादी हमले की घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, जब आप मुख्यमंत्री थे, मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही है। एक बार जम्मू-कश्मीर गए यात्रियों की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। इसमें गुजरात के यात्री भी थे। उस घटना में 8 लोग मारे गए थे। सबसे पहले मेरे पास गुलाम नबी जी का फोन आया। और वो फोन सिर्फ सूचना देने के लिए नहीं था। फोन पर उनके आंसू रुक नहीं रहे थे।

पीएम मोदी ने आगे कहा, उस समय प्रणब मुखर्जी साहब रक्षा मंत्री थे। उन्होंने फोर्स के हवाई जहाज की व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया। लेकिन रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया। वो एयरपोर्ट पर थे। उन्होंने फोन किया और जैसे कोई अपने परिवार के सदस्य की चिंता करे, वैसी चिंता... (इतना कह कर पीएम मोदी रोने लगे।)
 
मित्र के तौर पर आदर करता हूं- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा, एक मित्र के रूप में मैं गुलाम नबी जी का घटनाओं और अनुभवों के आधार पर आदर करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी सौम्यता, उनकी नम्रता, इस देश के लिए कुछ कर गुजरने की कामना, वो कभी उन्हें चैन से बैठने नहीं देगी। मुझे विश्वास है जो भी दायित्व वो संभालेंगे, वो जरूर वैल्यू एडिशन करेंगे, कंट्रिब्यूशन करेंगे और देश उनसे लाभान्वित होगा, ऐसा मेरा पक्का विश्वास है।
 
इसी घटना का जिक्र कर भावुक हुए आजाद
अपने विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद भी तब भावुक हो गए। जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और 2005 की उस घटना का उल्लेख किया, जिसका प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया था। उन्होंने कहा, मैं अपने जीवन में रोया, जब संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मृत्यु हो गई, क्योंकि यह सब अचानक हुआ। फिर मैं ओडिशा में चक्रवात के दौरान रोया, जब मुझे वहां जाने के लिए कहा गया और तब मेरे पिता कैंसर से पीड़ित थे। पांचवीं बार मैं 2005 में रोया था जब दर्जनों गुजरात यत्रियों की एक आतंकी हमले में मृत्यु हो गई थी। गुलाम नबी आजाद ने कहा, मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि देश से उग्रवाद खत्म हो।

Share this article
click me!