केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मडाविया ने सफदरजंग अस्पताल के ब्लड बैंक कैंप में अपना रक्तदान किया। उन्होंने देशवासियों को आरोग्य सेतु ऐप या ई-रक्तकोश पोर्टल पर ब्लड डोनेट करने का भी आह्वान किया। उन्होंने बताया कि यह पखवाड़ा 1 अक्टूबर तक चलेगा।
PM Modi Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर रक्तदान का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है। पीएम के जन्मदिन पर शुरू हुए रक्तदान पखवाड़े के पहले दिन रिकॉड 87137 लोगों ने ब्लड डोनेट किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मडाविया ने कहा कि पीएम मोदी के जन्मदिन पर शुरू हुए पखवाड़े के रक्तदान अभियान के पहले दिन 87,137 लोगों ने रक्तदान किया जो एक 'विश्व रिकॉर्ड' है।
स्वास्थ्य मंत्री ने भी किया रक्तदान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मडाविया ने सफदरजंग अस्पताल के ब्लड बैंक कैंप में अपना रक्तदान किया। उन्होंने देशवासियों को आरोग्य सेतु ऐप या ई-रक्तकोश पोर्टल पर ब्लड डोनेट करने का भी आह्वान किया। उन्होंने बताया कि यह पखवाड़ा 1 अक्टूबर तक चलेगा।
ट्वीट कर स्वास्थ्य मंत्री ने दी रिकॉड बनने की जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री मडाविया ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानसेवक के जन्मदिन पर लोगों ने रक्तदान कर विश्व रिकॉड बनाया है। यह स्वैच्छिक रक्तदान पीएम मोदी के जन्मदिन पर अनोखा गिफ्ट है।
2014 का बना विश्व रिकॉड टूटा
दरअसल, 6 सितंबर 2014 में अखिल भारतीय तेरापंथ युवा परिषद ने ब्लड डोनेशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। यह विश्व रिकॉर्ड 300 शहरों में 556 रक्तदान शिविरों से हासिल हुआ था। उस समय 87059 लोगों ने ब्लड डोनेट किया था। पीएम के जन्मदिन पर शनिवार को यह रिकॉर्ड टूट गया। शनिवार को 87137 लोगों ने ब्लड डोनेट किया। अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन रक्तदान करने वालों की गिनती अभी जारी है। मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों ने बताया कि अब तक देश भर में 6,136 शिविरों को मंजूरी दी गई है और लगभग 1,95,925 रक्तदाताओं ने पंजीकरण कराया है। इसमें 87,137 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया है।
भारत में हर दो सेकेंड में एक मरीज को ब्लड की जरुरत
बीते साल 2021 में आए आंकड़ों के अनुसार देश में हर साल डेढ़ करोड़ यूनिट ब्लड की आवश्यकता है। देश में हर दो सेकेंड में एक मरीज को खून की जरूरत होती है। रिसर्च के अनुसार हर तीन में से एक व्यक्ति को ब्लड की जीवन में एक बार जरूरत पड़ती है। एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में पांच से छह लीटर खून होता है। वह हर 90 दिन पर एक बार रक्तदान कर सकता है। एक बार रक्तदान करके तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। जानकारों की मानें तो ब्लड डोनेट करने वाले व्यक्ति के शरीर में दान किए गए खून के सारे कंपोनेंट्स एक से तीन सप्ताह के बीच में पुन: बन जाते हैं। कोई भी ब्लड जो दान किया जाता है उसकी लाइफ 35 से 42 दिन होती है। जबकि आरबीसी का उपयोग भी इतने ही दिन किया जा सकता है। हालांकि, प्लाज्मा को एक साल तक उपयोग में लाया जा सकता है। प्लेटलेट्स को पांच दिन तक ही उपयोग में लाया जा सकता है।
किताब का भी किया विमोचन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मडाविया ने रक्तदान के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में सफदरजंग अस्पताल के योगदान पर आधारित एक किताब का भी विमोचन किया।'फुटप्रिंट्स ऑन द सैंड्स ऑफ टाइम' नामक पुस्तक में अस्पताल के इतिहास और गौरवशाली पलों का उल्लेख है।
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