
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी 108वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व पीएम श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि।"
<br>भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के घर 19 नवंबर, 1917 को जन्मीं इंदिरा गांधी ने जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में अपनी हत्या तक देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री के रूप में काम किया। 31 अक्टूबर, 1984 को अकबर रोड पर उनके सरकारी आवास पर उनके ही दो अंगरक्षकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे।</p><p>प्रधानमंत्री ने 'योद्धा रानी' लक्ष्मीबाई को भी उनकी 197वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनकी बहादुरी और वीरता की तारीफ की। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “भारत माता की अमर योद्धा रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर सादर नमन। स्वतंत्रता के पहले संग्राम में उनकी बहादुरी और वीरता की कहानी आज भी देशवासियों के दिलों में जोश और जुनून भर देती है। पीएम मोदी ने सभी से उनके बलिदान को कभी न भूलने का आग्रह करते हुए कहा, “एक कृतज्ञ राष्ट्र मातृभूमि के गौरव की रक्षा के लिए उनके बलिदान और संघर्ष को कभी नहीं भूल सकता।” </p><p>इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने पूर्व पीएम के स्मारक स्थल 'शक्ति स्थल' पर इंदिरा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। बता दें, वह नेहरू के बाद दूसरी सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली प्रधानमंत्री थीं और बैंकों के राष्ट्रीयकरण सहित कई बड़े आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने पूर्व रियासतों के प्रिवी पर्स को भी खत्म कर दिया था। 'आयरन लेडी ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर इंदिरा गांधी स्वतंत्रता आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल थीं। उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान कांग्रेस का समर्थन करने और ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ने के लिए 'बाल चरखा संघ' और 'वानर सेना' की भी शुरुआत की थी। दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में से एक मानी जाने वाली इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को अकबर रोड स्थित उनके आवास पर उनके ही सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। यह घटना अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद हुई, जिसमें गांधी ने भारतीय सेना को पवित्र स्थल पर पनाह लिए सिख अलगाववादियों का सामना करने का आदेश दिया था।</p><div type="dfp" position=3>Ad3</div>