शतरंज से यह सीख मिलती कि शार्ट टर्म सक्सेस की बजाय दूर की सोच रखने वाले होते हैं कामयाब:मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि सही सपोर्ट और सही माहौल दिया जाए तो कमजोर से कमजोर के लिए भी कोई लक्ष्य असंभव नहीं होता। Analytical और problem solving brains के लिए हमारे पूर्वजों ने चतुरंग या शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 19, 2022 2:18 PM IST / Updated: Jul 23 2022, 12:07 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार की शाम को 44वें शतरंज ओलंपियाड (44th Chess Olympiad) का शुभारंभ किया। पीएम मोदी ओलंपियाड के ऐतिहासिक मशाल रिले को हरी झंड़ी दिखाने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शतरंज के खेल की एक और बड़ी खासियत होती है- दूरदृष्टि। शतरंज हमें बताता है कि शॉर्ट टर्म सक्सेस के बजाय दूर की सोच रखने वालों को ही असली कामयाबी मिलती है। जैसे शतरंज के हर मोहरे की अपनी यूनिक ताकत होती है, उसकी यूनिक क्षमता होती है। अगर आपने एक मोहरे को लेकर सही चाल चल दी, उसकी ताकत का सही इस्तेमाल कर लिया तो वो सबसे शक्तिशाली बन जाता है। चेसबोर्ड की यही खासियत हमें जीवन का बड़ा संदेश देती है।

 

हमारे पूर्वजों ने चतुरंग या शतरंज का किया था आविष्कार

पीएम मोदी ने कहा कि सही सपोर्ट और सही माहौल दिया जाए तो कमजोर से कमजोर के लिए भी कोई लक्ष्य असंभव नहीं होता। Analytical और problem solving brains के लिए हमारे पूर्वजों ने चतुरंग या शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया। भारत से होते हुए शतरंज,दुनिया के अनेक देशों तक पहुंचा और खूब लोकप्रिय हुआ। आज स्कूलों में चेस युवाओं के लिए, बच्चों के लिए एक एजुकेशन टूल के रूप में इस्तेमाल हो रहा है।

चेस अपने जन्मस्थान से निकलकर पूरी दुनिया पर छाप छोड़ रहा

उन्होंने कहा कि FIDE ने ये भी तय किया है कि प्रत्येक Chess Olympiad games के लिए torch relay भारत से ही शुरू हुआ करेगी। ये सम्मान न केवल भारत का सम्मान है, बल्कि शतरंज की इस गौरवशाली विरासत का भी सम्मान है।मैं इसके लिए FIDE और इसके सभी सदस्यों का अभिनंदन करता हूं। भारत से सदियों पहले चतुरंग के रूप में इस स्पोर्ट्स की मशाल पूरी दुनिया में गई थी। आज शतरंज की पहली Olympiad मशाल भी भारत से निकल रही है। आज जब भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष का पर्व, अमृत महोत्सव मना रहा है, तो ये चेस ओलंपियाड मशाल भी देश के 75 शहरों में जाएगी। आज Chess Olympiad games के लिए पहली टॉर्च रिले भारत से शुरू हो रही है। इस साल पहली बार भारत Chess Olympiad games को host भी करने जा रहा है। हमें गर्व है कि एक Sports, अपने जन्मस्थान से निकलकर पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है, अनेक देशों के लिए एक passion बन गया है। 

शतरंज में भारत का लोहा पूरी दुनिया मानती

भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का लोहा पूरी दुनिया मानती है। भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस कार्यक्रम के तहत चेस ओलंपियाड की मशाल रेस भारत के विभिन्न हिस्सों से होते हुए उस जगह पहुंचेगी, जहां इसका आयोजन किया जा रहा है। FIDE प्रेसीडेंट आर्केडी द्वोकोविच यह टार्च प्रधानमंत्री को सौंपा है। वह इसे ग्रैंड मास्टर विश्नाथन आनंद के सुपुर्द करेंगे। यह मशाल देश 75 शहरों से होती हुई 40 दिन बाद चेन्नई के महाबलीपुरम पहुंचेगी, जहां चेस के ग्रैंडमास्टर इसे रीसीव करेंगे। 

चेन्नई में होगा आयोजन

44वें चेस ओलंपियाड का आयोजन चेन्नई में 28 जुलाई से 10 अगस्त 2022 तक किया जाएगा। यह प्रतियोगिता 1927 से ही आयोजित की जा रही है। यह भारत में पहली बार आयोजित किया जा रहा है जबकि एशिया 30 साल बाद इसकी मेजबानी करेगा। इस बार के ओलंपियाड में कुल 189 देश हिस्सा ले रहे हैं। यह संख्या अब तक आयोजित किसी भी ओलंपियाड से ज्यादा है।

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