‘मन की बात’: पीएम मोदी ने सुनायी, शिवगंगा व मधुबनी के आत्मनिर्भरता की कहानी

पीएम मोदी ने मन की बात में लोगों को जन्माष्टमी की बधाई के बाद स्वच्छता पर एक बार फिर बात की है। राष्ट्रीय खेल दिवस पर मेजर ध्यानचंद को याद कर पीएम मोदी ने कहा उनकी आत्मा जहां कहीं भी होगी वह खुश हो रही होगी। आज पूरी दुनिया में उनकी हॉकी का डंका बज रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 29, 2021 5:57 AM IST / Updated: Aug 29 2021, 02:05 PM IST

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने मन की बात में राष्ट्रीय खेल दिवस पर मेजर ध्यानचंद को याद कर पीएम मोदी ने कहा उनकी आत्मा जहां कहीं भी होगी वह खुश हो रही होगी। आज पूरी दुनिया में उनकी हॉकी का डंका बज रहा है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कई पदक जीते हैं। लेकिन भारत के खिलाड़ी चाहे कितना भी पदक जीत लें लेकिन जबतक हॉकी में पदक न मिले तबतक असल खुशी भारतीय जनमानस को नहीं मिलती। चार दशक बाद हमारी हॉकी ने पदक जीतकर पूरे विश्व में अपना डंका बजाया है। 

पीएम मोदी ने लोगों को जन्माष्टमी की बधाई के बाद स्वच्छता पर एक बार फिर बात की है। उन्होंने कहा कि जब भी स्वच्छता की बात आती है तो इंदौर का नाम जरूर आता है। इंदौर कई वर्षाें से स्वच्छ भारत की रैंकिंग से संतुष्ट होकर बैठना नहीं चाहते हैं। अब इंदौर वाटर प्लस सिटी बनाने में जुटा हुआ है। 

पीएम मोदी ने बताया कि वाटर प्लस सिटी का मतलब कोई भी ऐसा गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट के नदियों या नालों में नहीं डालेंगे। उन्होंने कहा कि इससे हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहेगा।

इसके पहले पीएम मोदी ने श्रीकृष्ण पर एक बेहद मनमोहक पुस्तक का जिक्र किया। इस किताब को लिखा है अमेरिका की जदुरानी दासी ने। वह इस्काॅन मंदिर और श्रीकृष्ण मूवमेंट से जुड़ी हुई हैं। पीएम ने अमेरिकी मूल की जदुरानी दासी के विचारों को भी मन की बात के माध्यम से लोगों को सुनाया।

 

पीएम मोदी ने बिहार के मधुबनी में डॉ.राजेंद्र प्रसाद विवि के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने बताया कि गांव में प्रदूषण को कम करने के लिए गांववालों से कचरा लिया जाता है और इसके बदले में गांववालों को रसोई गैस के पैसे दिए जाते हैं। पीएम मोदी ने देश की सभी पंचायतों से यह आग्रह किया कि वह भी आत्मनिर्भर भारत के इस मॉडल को अपनाएं। 

पीएम मोदी ने तमिलनाडु के शिवगंगा की एक छोटी पंचायत में कचरे से बिजली बनाने की सराहना की। उन्होंने बताया कि किस तरह बिजली से यहां पैसे बच रहे हैं। 

मोदी ने कहा है कि आज का युवा अलग करना चाहता है। वो बने बनाए रास्ते पर नहीं चलना चाहता है, नए रास्तों पर चलना चाहता है। उसकी मंजिल, राह और चाह नई है। कुछ समय पहले ही भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को ओपन किया और युवा पीढ़ी ने उस मौके को पकड़ लिया। नौजवान आगे गए और मुझे भरोसा है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़ी संख्या ऐसे सैटेलाइट की होगी, जिन पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की लैब में युवाओं ने काम किया होगा।

मोदी ने संस्कृत पर जोर देते हुए कहा कि आयरलैंड के एडवर्ड संस्कृत के शिक्षक हैं और बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं, डॉक्टर चिरापद और डॉक्टर सुषमा थाईलैंड में संस्कृत भाषा का प्रचार कर रहे हैं। रशिया में श्रीमान बोरिस मॉस्को में संस्कृत पढ़ाते हैं और कई किताबों का अनुवाद किया है। सिडनी संस्कृत स्कूल में बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है। इन प्रयासों से संस्कृत को लेकर जागरूकता आई है। नई पीढ़ी को विरासत सौंपना हमारा कर्तव्य है और भा‌वी पीढ़ियों का ये हक भी है।

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