सार
परिवहन नियमों के अनुसार अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो दूसरे राज्य में गाड़ी ले जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत एक साल के भीतर वहां उसका रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
नई दिल्ली। ट्रांसफरेबल जॉब वाले लोगों के लिए मोदी सरकार ने तोहफा दिया है। अब नौकरी के लिए राज्य बदलने के बाद आपको बार-बार गाडि़यों के ट्रांसफर की परेशानी से निजात मिलेगा। भारत सरकार ने भारत सीरीज से एक नया रजिस्ट्रेशन नंबर सीरीज शुरू करने का ऐलान किया है जो राज्य बदलने वालों को सहूलियतें देगा। गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन के लिए भारत सीरीज (BH-सीरीज) शुरू किया है। 26 अगस्त को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, भारत सीरीज में नई गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा।
नौकरी के लिए राज्य बदलने वालों को होती थी दिक्कतें
दरअसल, परिवहन नियमों के अनुसार अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो दूसरे राज्य में गाड़ी ले जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत एक साल के भीतर वहां उसका रजिस्ट्रेशन कराना होता है। गाड़ी मालिक को नए राज्य में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पुराने राज्य से एनओसी लेना पड़ता है। उसके बाद उन्हें नए राज्य में प्रो राटा बेसिस पर रोड टैक्स देना पड़ता है। फिर पुराने राज्य से रोड टैक्स रिफंड लेना पड़ता है, जिसका प्रोसेस बहुत थकाऊ होता है।
अब मिलेगी झंझटों से मुक्ति
भारत सीरीज में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा डिफेंस पर्सनल, केंद्र सरकार/राज्य सरकार के एम्पलॉयी, सेंट्रल/स्टेट पीएसयू और निजी क्षेत्र की कंपनियों और संस्थानों को स्वैच्छिक रूप से दी गई है। निजी क्षेत्र की उन कंपनियों और संस्थानों के कर्मचारी यह सुविधा ले सकते हैं जिनके दफ्तर चार या ज्यादा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में हैं।
भारत सीरीज की गाडि़यों का इस तरह लगेगा रोड टैक्स
बीएच सीरीज की गाडि़यों पर एक बार में दो साल का रोड टैक्स लगेगा। आगे भी यह दो साल के हिसाब से लगता रहेगा। चौदह साल पूरे होने के बाद रोड टैक्स सालाना लगने लगेगा। यानी पहले चुकाए जा रहे टैक्स की रकम का आधा देना होगा।