Mann Ki Baat@100: ऑर्गन डोनेशन से लेकर सैलून वाले की तारीफ तक...जब मन की बात में पीएम मोदी ने कई बार किया तमिलनाडु का गौरवगान
पीएम मोदी (PM Modi) तमिल भाषा और तमिल संस्कृति (Tamil Culture) से बेहद लगाव रखते हैं। यही वजह है कि उनके रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) में सबसे ज्यादा बार तमिलनाडु का जिक्र हुआ है।
Manoj Kumar | Published : Apr 22, 2023 10:51 AM IST / Updated: Apr 25 2023, 09:25 AM IST
Mann Ki Baat@100. पीएम मोदी ने मन की बात के 99 एपिसोड के सफर में तमिलनाडु के लोगों और वहां के काम की कई बार तारीफ की है और गौरवगान किया है। वे तमिल भाषा और तमिल संस्कृति से बेहद लगाव है, यही वजह है कि वे बार-बार तमिलनाडु का जिक्र करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पीएम मोदी के मन की बात का यह मासिक कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ, जिसके 99 एपिसोड पूरे हो चुके हैं। इसका 100वां एपिसोड 23 अप्रैल 2023 को होगा। देश भर में इस कार्यक्रम का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि पीएम मोदी इसके जरिए देश के दूर-दराज क्षेत्रों में हो रहे बेहतरीन कार्यों को देशवासियों के सामने लाते हैं।
दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा
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दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक तमिल भाषा भारत की है और यह बात सभी देशवासियों को गौरवान्वित करती है। इस सुंदर भाषा को पूरी दुनिया जानती और पहचानती है। रेडियो एपिसोड के माध्यम से पीएम मोदी ने कई बार तमिल लोगों के योगदान और प्रभाव का जिक्र किया है। मोदी ने उन 20 हजार महिलाओं का भी जिक्र किया है जिन्होंने वेल्लोर की नाग नदी को पुर्जीवित किया है। इन महिलाओं ने साइक्लोन के दौरान भूमि कटाव रोकने के लिए थुथुकुटी जिले में पामाइरा का पौधारोपण भी किया है। पीएम मोदी ने त्रिप्पुर जिले के तैमलजी का भी नाम लिया जिन्होंने स्कूल को फिर से बनवाने के लिए अपनी संपत्ति दान दे दी।
पीएम मोदी ने मन की बात में कब-कब लिया तमिलनाडु का नाम
ऑर्गन डोनेशन के क्षेत्र में तमिलनाडु नंबर वन पर है और पीएम मोदी ने प्रदेश के लोगों के इस प्रयास की सराहना खुले मन से की है।
प्राकृतिक आपदा की वजह से तमिलनाडु में हुए नुकसान का जिक्र भी पीएम ने किया था। साथ ही कहा कि प्रदेश के लोग जल्द ही इससे उबर जाएंगे।
चेन्नई की सुचित्रा राघवचारी ने पीएम मोदी को बेटी बचाओ और स्वच्छ भारत जैसे टॉपिक्स पर बात करने का सुझाव दिया था। इसे अमल में लाते हुए पीएम ने पूरे देशवासियों से 15 अगस्त के भाषण के लिए टॉपिक्स आमंत्रित किए।
पीएम मोदी यह मानते हैं किसी भी तरह की विकलांगता वाले व्यक्ति को भगवान ने कुछ खास गिफ्ट देकर धरती पर भेजा है। इसलिए उन्हें विकलांग की जगह दिव्यांग कहा जाना चाहिए। यह शब्द भी सुगम्य भारत अभियान से लिया गया।
पीएम मोदी ने तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के उन नागरिकों का धन्यवाद किया जिन्होंने बाल विवाह के 175 मामलों को रोकने का बड़ा काम किया। इन लोगों ने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 55 से 60 हजार लड़कियों के खाते भी खुलवाए।
भारत विभिन्न तरह की संस्कृतियों और उत्सवों का देश है। इसी को ध्यान में रखते हुए काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया गया। अब इसी तर्ज पर सौराष्ट्र-तमिल संगमम का भी आयोजन होना है।
तमिलनाडु के उत्तिरामेरूर में मिले अवशेष भारत की लोकतांत्रिक परंपरा की गवाही देते हैं। इसे देखकर ग्राम सभा की पूरी प्रक्रिया को आसानी से समझा जा सकता है।
राज्य में पक्षियों को बचाने के लिए तमिलानाडु के वेदाथंगल साइट को देखा जा सकता है, जहां चिड़ियों को बचाने के लिए बड़ी शानदार मुहिम चलाई गई।
2022 में एक भारत, श्रेष्ठ भारत का नारा सामने आया। साथ ही गुजरात में माधवपुर मेला और काशी-तमिल संगमम जैसी पहल भी केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई।
तमिलनाडु के कोयबंटूर की आदिवासी महिलाओं ने टेराकोटा कप्स बनाए और उसका एक्सपोर्ट करना शुरू किया। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र किया था और सबको सीख लेने की बात कही थी।
थुडूकुट्टी जंक्शन का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वांची के नाम पर रखा गया, जिन्हें 25 साल की उम्र में ब्रिटिश कलेक्टर ने सजा दी थी। अब इसका नाम वांचीमनियाची जंक्शन है। वहीं भारत में तैयार होने वाला हर प्रोडक्ट चाहे वह बनारस में बने या तमिलना़डु में, अब विदेशों में निर्यात किया जाता है।
भारत के हेरीटेज को संरक्षित रखने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में भगवान आंजनेयर की वह मूर्ति ऑस्ट्रेलिया से भारत लाई गई। जिसे वेल्लोर से चोरी करके विदेश पहुंचा दिया गया था।
भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर गुजराती छात्रों ने तमिल देशभक्ति गीत गाए। यह एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ही विचार था। भारत में भाषा की विविधता भी आम लोगों के लिए गर्व का विषय है। भारत अपनी मातृभाषा का सम्मान करता है और स्थानीय कला, संस्कृतिक का संरक्षण भी मातृभाषा में ही संभव है। ज्यादार प्राचीन ग्रंथ या तो संस्कृत में लिखे गए हैं या फिर तमिल भाषा में लिखे हैं।
जनरल विपिन सिंह रावत की मौत के वक्त तमिलनाडु के शौर्य चक्र विजेता वरूण सिंह की भी जान गई। यह तमिलनाडु के मिट्टी में जन्मे एक और वीर का बलिदान रहा। वहीं दिव्यांगजनों की एक टीम ने तमिलनाडु के मेजर द्वारकेश की अगुवाई में सियाचीन की 15,000 फीट की उंचाई पर तिरंगा फहराने का काम किया।
तमिलनाडु के शिवगंगई जिले की कांजीरंगल पंचायत के लोगों ने कूड़े से बिजली पैदा करने का काम किया। वे लोग अब इससे रेवेन्यू भी जेनरेट कर रहे है और विकास कार्य भी पूरे किए जा रहे हैं। वहीं राधिका शास्त्री ने पहाड़ी क्षेत्रों में मेडिकल जरूरतों को पूरा करने की सटीक योजना बनाई, जिसे पीएम मोदी ने सराहा।
चेन्नई के गुरूप्रसाद ने पीएम मोदी द्वारा तमिलनाडु का जिक्र करने की बातों को कंपाइल किया है। उनका कहना है कि इससे यह पता चलता है कि पीएम मोदी को तमिल भाषा और संस्कृति से कितना लगाव है।
पीएम मोदी ने एक एपिसोड के दौरान 2004 की सुनामी में तमिलनाडु और अंडमान निकोबार के उन लोगों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जिन्होंने अपनी जान गंवा दी।
गुजरात के पाटन जिले के रहने वाले कामराज भाई ने होम मेड ड्रम स्टिक तैयार किया है जो कि तमिलनाडु के मोरिंगा बीज से बनाया गया है। तमिलनाडु के तीर्थस्थलों पर पूरे देश के लोग पहुंचते हैं और तमिलनाडु के तीर्थस्थलों पर लोगों की भीड़ रहती है। विल्लू पट्टू यहां का फेमस फोक कल्चर है।
तमिलनाडु के केला किसानों ने लॉकडाउन के दौरान चेन्नई के लोगों की बड़ी मदद की। वे थेनी जिले से फल और सब्जियां इकट्ठा करके इसका कांबो किट बनाते और चेन्नई में ले जाकर देते। तंजावुर के खिलौने यहां की समृद्ध परंपरा की साक्षी हैं। तमिलना़डु में खेला जाने वाला पचीसी खेल भी यहां की परंपरा है।
मदुरई में सैलून चलाने वाले केसी मोहन ने कोविड के दौरान अपनी बचत के करीब 5 लाख गरीबों की मदद में खर्च किए। वे लड़कियों की शिक्षा पर भी खर्च कर रहे हैं। आयुष्मान भारत स्कीम के तहत तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी लोगों को वहीं सुविधाएं दी जा रही हैं। दिल्ली के हुरन हाट में भी तमिलनाडु की संस्कृति प्रदर्शित की गई।