सत्यपाल मलिक के पुलिस हिरासत का क्या है सच? जानिए आरकेपुरम थाने के अधिकारी क्यों कर रहे गिरफ्तारी से इनकार...

सत्यपाल मलिक के घर के पास एक पार्क में खाप पंचायत के प्रमुखों व किसान नेताओं की एक मीटिंग हो रही थी। मलिक के घर के पास ही पार्क में खाना भी बन रहा था।

Satyapal Malik custody updates: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई का समन मिलने के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलिक को आरकेपुरम पुलिस स्टेशन में कई खाप नेताओं के साथ बैठाया गया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने साफ इनकार किया है। पुलिस ने कहा कि पूर्व राज्यपाल अपनी मर्जी से यहां पुलिस स्टेशन आए थे।

पुलिस ने कहा-अपनी मर्जी से आए थे, हमने मर्जी से जाने के बारे में भी सूचना दे दी

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एक बयान में कहा, "हमने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को हिरासत में नहीं लिया है। वह अपने समर्थकों के साथ पुलिस स्टेशन आरके पुरम में अपनी इच्छा से आए हैं और हमने उन्हें सूचित किया है कि वह अपनी मर्जी से जा सकते हैं।"

क्यों पुलिस स्टेशन में लाए गए सत्यपाल मलिक?

दरअसल, सत्यपाल मलिक के घर के पास एक पार्क में खाप पंचायत के प्रमुखों व किसान नेताओं की एक मीटिंग हो रही थी। मलिक के घर के पास ही पार्क में खाना भी बन रहा था। यहां पूर्व राज्यपाल स्वयं उपस्थित रहकर खाना बनवा रहे थे। पुलिस ने कहा कि पार्क में बिना परमिशन के कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसके बाद पुलिस ने खाप नेताओं को थाने लाया। पुलिस ने बताया कि सत्यपाल मलिक भी यहां थाने अपनी मर्जी से पहुंच गए। पुलिसकर्मियों ने कहा कि उन्हें रिहायशी इलाके में बिना अनुमति के कोई सभा करने की इजाजत नहीं थी।

CBI ने इंश्योरेंस स्कैम में पूछताछ के लिए बुलाया

सीबीआई ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को इंश्योरेंस स्कैम के बारे में जानकारी लेने के लिए नोटिस भेजा है। 2018 में उद्योगपति अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी का एक अनुबंध रद्द कर दिया था जब वह जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल थे। एफआईआर में, सीबीआई ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के साथ-साथ ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स को जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक चिकित्सा बीमा योजना शुरू करने में कथित घोटाले के आरोपी के रूप में नामित किया। मलिक ने बीमा योजना में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था जिसके बाद सीबीआई की कार्रवाई हुई। लगभग 3.5 लाख कर्मचारियों को कवर करने वाली यह योजना सितंबर 2018 में शुरू की गई थी। पढ़िए पूरी खबर…

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