पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर विपक्ष का संसद में हंमागा, पीएम मोदी ने मंत्रियों के साथ तय की आगे की रणनीति

Petrol Diesel Price hike : पिछले करीब चार महीनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक दिन भी इजाफा नहीं किया गया, जबकि कुछ दिनों पहले कच्चे तेल की कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। इधर, क्रूड 110 डॉलर पर आने के बाद कीमतें बढ़ाई गई हैं, इसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 22, 2022 7:03 AM IST

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र (Parliament Budget session) से जुड़े विभिन्न मुद्दों और सरकार की रणनीति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra modi ) ने संसद में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण और नितिन गडकरी शामिल रहे। इस बीच, देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा सदन में हंगामा करने के बाद राज्यसभा को मंगलवार दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

विपक्ष चाहता था पेट्रोल-डीजल पर चर्चा, मांग खरिज होने पर हंगामा
तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और कांग्रेस सहित संयुक्त विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया क्योंकि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने नियम 267 के तहत ईंधन की बढ़ती कीमतों पर चर्चा करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया। चार महीने में पहली बार भारत में ईंधन की कीमतों में वृद्धि की गई है। मंगलवार को डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर की वद्धि की गई, जिसके बाद देश में फ्यूल की कीमतों को लेकर फिर से बहस शुरू हो गई। इससे पहले नवंबर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ था। बजट सत्र का दूसरा भाग 8 अप्रैल को समाप्त होगा। बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी को शुरू हुआ और 11 फरवरी को समाप्त हुआ था।

यह भी पढ़ें Petrol Diesel Price Today, 22 March 2022: 137 दिन के बाद फ्यूल प्राइस में इजाफा, जानिए कितने हो गए हैं दाम

उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्याें में चुनाव के चलते थमी थीं कीमतें 
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में फरवरी - मार्च में चुनाव थे। इसे देखते हुए नवंबर से तैयारियां चल रही थीं। नवंबर में ही आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े थे। इसके बाद मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की गई। इसे लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने चुनावों में अपने फायदे के लिए तेल की कीमतें नियंत्रित रखीं और चुनाव खत्म होते ही जनता पर बोझ डाल दिया। 

यह भी पढ़ें घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में साढ़े पांच महीने के बाद इजाफ,जानिए आपके शहर में कितना हुआ इजाफा

Share this article
click me!