प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कश्मीर के आतंक प्रभावित पुलवामा के एक ऐसे शख्स का जिक्र किया, जिसकी वजह से पूरा गांव पेंसिल वाला गांव बन गया। आइए जानते हैं, पीएम मोदी ने क्या कहा और उस शख्स की कहानी क्या है?
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कश्मीर के आतंक प्रभावित पुलवामा के एक ऐसे शख्स का जिक्र किया, जिसकी वजह से पूरा गांव पेंसिल वाला गांव बन गया। आइए जानते हैं, पीएम मोदी ने क्या कहा और उस शख्स की कहानी क्या है?
पीएम मोदी ने पुलवामा के मंजूर अहमद का जिक्र करते हुए कहा कि मंजूर अहमद अलाई, पहले लकड़ी काटने वाले एक सामान्य मजदूर थे। मंजूर भाई कुछ नया करना चाहते थे ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां गरीबी में ना जिए। उन्होंने अपनी पुस्तैनी जमीन बेच दी और सेब रखने वाले लकड़ी के बक्से बनाने की यूनिट शुरू की।
उन्होंने बताया कि मंजूर अपने छोटे से बिजनेस में जुटे हुए थे, तभी मंजूर को कहीं ये पता चला कि पेंसिल निर्माण में चिनार की लकड़ी का इस्तेमाल शुरू किया गया है। ये जानकारी मिलने के बाद मंजूर ने पेंसिल बनाने वाली कुछ बड़ी कंपनियों को चिनार की लकड़ी देना शुरू किया। इससे उन्हें फायदा हुआ और उनकी अच्छी खासी कमाई होने लगी।
दो सो लोगों को दिया रोजगार
पीएम मोदी ने आगे बताया कि समय के साथ मंजूर ने पेसिंल स्लेट बनाने वाली मशीनरी लगाई। उनका टर्नओवर करोड़ों में है। वे करीब 200 लोगों को काम भी दे रहे हैं।
90 फीसदी लकड़ी की हो रही सप्लाई
मंजूर अहमद उक्खू गांव के हैं। इस गांव से ही देश भर में 90 फीसदी पेंसिल स्लेट की सप्लाई की जाती है। यहां वुड पेंसिल के खांचे बनाने के लिए 12 बड़ी इकाइयां लगाईं गई हैं। गांव की आबादी करीब 4000 है। यहां गांव का हर शख्स इसी उद्योग से जुड़ा है।