सैनिकों के लिए एक दीया जलाएं, त्योहारों पर अपनाएं लोकल; जानें पीएम मोदी के 'मन की बात' की खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशहरे पर यानी अक्टूबर के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी की यह 70वीं मन की बात है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज दशहरे का पर्व है। इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 25, 2020 2:47 AM IST / Updated: Oct 25 2020, 11:51 AM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशहरे पर यानी अक्टूबर के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी की यह 70वीं मन की बात है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आज दशहरे का पर्व है। इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं। दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। लेकिन साथ ही ये एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है। आज आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं। मर्यादा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं। इसलिए जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है।

'वोकल फॉर लोकल' का दिया मंत्र
पीएम ने कहा, जब हम त्योहारों की बात करते हैं, तैयारी करते हैं तो सबसे पहले मन में यही आता है कि बाजार कब तक जाना है? क्या क्या खरीदारी करनी है। खासकर बच्चों में तो इसका विशेष उत्साह रहता है। त्योहारों की ये उमंग और बाजार की चमक एक दूसरे से जुड़ी हुई है। लेकिन इस बार आप खरीदारी करने जाएं तो वोकल फॉर लोकल का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है। 

पीएम ने किया ये खास आग्रह
प्रधानमंत्री ने कहा, त्योहारों के इस हर्षोल्लास के बीच में लॉकडाउन के समय को भी याद करना चाहिए। लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को करीब से जाना, जिनके बिना हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल होता है। सफाई कर्मचारी, घर में काम करने वाले भाई-बहन, स्थानीय सब्जी वाले, दूध वाले, इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल, हमने अब भली भांति महसूस किया। कठिन समय में ये आपके साथ थे, हम आपके साथ थे। अब अपने पर्वों में अपनी खुशियों में भी, हमें इनका साथ रखना चाहिए। मेरा आग्रह है कि जैसे भी संभव हो, इन्हें अपनी खुशियों में जरूर शामिल कीजिए। परिवार के अन्य सदस्य की तरह, फिर आप देखिए कि आपकी खुशियां कितनी बढ़ जाएंगी। 

सीमाओं पर डटे जांबाज सैनिकों को किया नमन
पीएम ने कहा, हमें अपने उन जांबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। 

उन्होंने कहा, मैं अपने वीर जवानों से भी यह कहना चाहता हूं, आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ है। आपके लिए काम कर रहा है। मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूं। जिनके बेटे बेटियां सरहद पर हैं। 

31 अक्टूबर को मनाएंगे' राष्ट्रीय एकता दिवस' 
पीएम मोदी ने कहा, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती 31 अक्टूबर को हम 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के तौर पर मनाएंगे। बहुत कम लोग मिलेंगे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई तत्व मौजूद हों-वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण है।

उन्होंने कहा, परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों न हो, अपने सेंस ऑफ ह्यूमर को जिंदा रखिये, यह हमें सहज तो रखेगा ही, हम अपनी समस्या का समाधान भी निकाल पायेंगे I सरदार साहब ने यही तो किया था। 

ekbharat.gov.in वेबसाइट देखने का किया आग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''मैं आप सबसे एक वेबसाइट देखने का आग्रह करता हूं- ekbharat.gov.in। इसमें नेशनल इंटीग्रेशन की हमारी मुहिम को आगे बढ़ाने के कई प्रयास दिखाई देंगे। इसका एक दिलचस्प कॉर्नर है- आज का वाक्य। इस सेक्शन में हर रोज एक वाक्य को अलग अलग भाषाओं में कैसे बोलते हैं, ये सीख सकते हैं।

पीएम ने कहा, आप इस वेबसाइट के लिए कंट्रीब्यूट भी करें, जैसे हर राज्य और संस्कृति में अलग अलग खान पान होता है। यह व्यंजन स्थानीय स्तर के खास इंग्रेडिएंट्स, यानी अनाज और मसालों से बनाए जाते हैं। क्या हम इन लोकल फूड की रेसिपी को लोकल इंग्रेडिएंट्स के नामों के साथ, एक भारत श्रेष्ठ भारत वेबसाइट पर शेयर कर सकते हैं। यूनिटी और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इससे बेहतर क्या हो सकता है। 

 राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना को लेकर चेताया था

पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था, कोरोना के खिलाफ जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतीयों ने एक बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। 

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