
PM Modi Odisha Speech Today:ओडिशा में पहली बार बनी बीजेपी सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भावुक और आस्था से भरा संबोधन दिया। पीएम मोदी ने आदिवासी समाज, श्रीमंदिर, स्वास्थ्य योजनाओं और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर जनता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का न्यौता मिला था लेकिन मैंने इनकार कर दिया क्योंकि मुझे महाप्रभु की धरती पर आना था।
मोदी ने अपने संबोधन में ओडिशा के जनजातीय समाज (Tribal Community) की बात करते हुए कहा कि लंबे समय तक जिस पार्टी ने देश पर शासन किया, उन्होंने आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक की तरह देखा। उन्हें न विकास दिया, न सम्मान। हमने नक्सल प्रभावित जिलों को हिंसा से निकालकर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले देश के 125 से अधिक आदिवासी जिले नक्सली हिंसा की चपेट में थे लेकिन अब वहां विकास की रोशनी पहुंच रही है।
मोदी ने बताया कि पहले आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) योजना से ओडिशा के लाखों गरीब परिवार वंचित थे लेकिन अब राज्य सरकार की गोपबंधु जन आरोग्य योजना (Gopabandhu Jan Arogya) और केंद्र सरकार की योजना दोनों मिलकर करीब 3 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज दे रही हैं।
PM मोदी ने अपने भाषण का सबसे भावुक हिस्सा महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Mandir) को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही श्री मंदिर के चारों द्वार खोल दिए गए। रत्न भंडार (Ratan Bhandar) भी खुल चुका है। यह कोई राजनीतिक विजय नहीं, करोड़ों भक्तों की आस्था का सम्मान है।
मोदी ने बताया कि वो G7 समिट के दौरान कनाडा में थे जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने उन्हें कॉल कर आमंत्रित किया था। कहा: मैंने ट्रंप जी से कहा निमंत्रण के लिए धन्यवाद लेकिन मुझे तो महाप्रभु की धरती (Mahaprabhu’s Land) पर आना है। इसलिए विनम्रता से मना कर दिया।
मोदी ने ओडिशा को भारत की विरासत का दिव्य सितारा बताया और कहा कि यहां की सभ्यता और संस्कृति सदियों से देश को दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि आज जब विकास और विरासत दोनों को एक साथ आगे बढ़ाया जा रहा है, तब ओडिशा की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
मोदी ने मुख्यमंत्री मोहन माझी (Mohan Majhi) और उनकी सरकार की जनसेवा और पारदर्शिता की तारीफ करते हुए कहा कि ये वर्षगांठ सिर्फ सरकार की नहीं, सुशासन की स्थापना का उत्सव है। एक साल में मोहन जी की टीम ने जनविश्वास के प्रति ईमानदारी दिखाई है।