एससीओ समिट में पीएम मोदी की टिप्पणी, 'आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन गंभीर समस्या', एस जयशंकर ने पढ़ा संदेश

शंघाई समिट पर पीएम मोदी ने विभिन मुद्दों पर विशेष टिप्पणी की है। हालांकि वह एससीओ समिट में शामिल नहीं हुए थे लेकिन उनकी स्पीच को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साझा की थी। एस जयशंकर ने पीएम की पूरी स्पीच खुद ही डिलीवर की।  

Yatish Srivastava | Published : Jul 4, 2024 12:01 PM IST

नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई समिट में स्वयं नहीं शामिल हो सके लेकिन अपने विचार उन्होंने विदेशमंत्री एस जयशंकर के माध्यम से पहुंचा दिया है। इस दौरान बताया गया कि भारत का शंघाई कोओपरेशन संगठन में 2017 में कजाकिस्तान प्रेसिडेंसी के दौरान हुआ था। इस दौरान विश्व और समाज में फैले प्रमुख मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। भारत ने आतंकवाद और जलवायु में तेजी से हो परिवर्तन और इससे होने वाले दुष्परिणामों को लेकर चिंता जताई और इस दिशा में कोई सार्थक कदम उठाने को लेकर चिंतन करने की  आवश्यकता बताई है। 

भारत की ओर से कहा गया कि एससीओ हमारी विदेश नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। स दौरान भारत ने संगठन में शामिल नए सदस्य को ईरान बधाई दी। इसके साथ ही हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति रायसी की मौत पर संवेदना व्यक्त की। भारत राष्ट्रपति लुकशेंको को भी बधाई देता है और संगठन के नए सदस्य बेलारूस का वेलकम करता है। भारत ने कहा कि एससीओ एक सिद्दांत आधारित संगठन है। इसकी सर्वसम्मति सदस्य देशों के दृष्टिकोण को चलाता है।

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आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन बड़ी समस्या
आज हमारे सामने आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन बड़ी समस्या बनकर उभरी है। हमें आतंकवाद का मुकाबला करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह शंघाई संगठन के मूल लभ्यों में से एक है। किसी भी रूप में आतंकवाद को उचित नहीं कह सकते और न उसे माफ कर सकते हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे देशों को बेनकाब करना चाहिए जो आतंकवादियों को संरक्षण देते हैं। भारत का कहना है कि विश्व में जलवायु परिवर्तन में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। ये ग्लोबल वॉर्मिंग का इफेक्ट है कि आज हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वैकल्पिक ईंधनों में बदलाव, इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने आदि की ओर काम कर रही है।

भारत एआई की दिशा में तैयार कर रहा रणनीति
भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में भी अपनी रणनीति तैयार कर रहा है। भारत एआई मिशन शुरू करने वाले देशों में शामिल है। भारत 21वीं सदी में तेजी से विकास कर रही है।

भारत ने कहा कि हमारे लिए एससीओ में सहयोग जनकेंद्रित रहा है। भारत ने एससीओ बाजरा खाद्य महोत्सव, एससीओ सूरजकुंड शिल्प मेला, एससीओ थिंक टैंक सम्मेलन आयोजित किए हैं।

 

 

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