प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वित्तीय प्रौद्योगिकी (Fintech) पर ‘थॉट लीडरशिप फोरम’ इनफिनिटी-फोरम (Infinity Forum) का उद्घाटन किया। इसमें मुकेश अंबानी सहित बिजनेस की कई हस्तियां शामिल हो रही हैं। इस मंच का मकसद दुनियाभर की बिजनेस और टेक्नोलॉजी की प्रतिभाओं को एक मंच पर लाना है।
नई दिल्ली.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 3 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वित्तीय प्रौद्योगिकी (Fintech) पर ‘थॉट लीडरशिप फोरम’ इनफिनिटी-फोरम (Infinity Forum) का उद्घाटन किया। मोदी ने कहा-मुझे पहले 'इन्फिनिटी फोरम' का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। मैं आप सभी का में स्वागत करता हूं। इनफिनिटी फोरम, फिन-टेक पर एक विचारशील नेतृत्वकारी मंच है। इसका मकसद दुनियाभर की बिजनेस और टेक्नोलॉजी की प्रतिभाओं को एक मंच पर लाना है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Center Authority-IFSCA) कर रहा है। इस आयोजन में गिफ्ट-सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) और ब्लूमबर्ग सहयोग कर रहे हैं। कार्यक्रम तीन और चार दिसंबर को होगा। फोरम के पहले आयोजन में इंडोनीशिया, दक्षिण अफ्रीका और यूके साझीदार देश हैं।
GIFT City वैश्विक फिनटेक दुनिया का प्रवेश द्वार
मोदी ने कहा-गिफ्ट सिटी(GIFT City) केवल एक आधार नहीं है, यह भारत का प्रतिनिधित्व करता है। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों, मांग, जनसांख्यिकी और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। यह विचारों, नवाचार और निवेश के लिए भारत के खुलेपन का प्रतिनिधित्व करता है। गिफ्ट सिटी वैश्विक फिनटेक दुनिया का प्रवेश द्वार है।
डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बोले
हम अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा करने और उनसे सीखने में भी विश्वास करते हैं। हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर समाधान दुनिया भर के नागरिकों के जीवन में सुधार कर सकते हैं। अब इन फिनटेक पहलों को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय आ गया है। एक क्रांति जो देश के हर एक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण को प्राप्त करने में मदद करती है। पिछले सात वर्षों में, भारत ने 430 मिलियन जन धन खाते दर्ज किए हैं जो दिखाते हैं कि हम कितनी मेहनत करते हैं और बदलते समय के साथ नई तकनीकों को अपनाते हैं।
डिजिटल इंडिया पर कही ये बात
मोदी ने कहा-भारत ने दुनिया के सामने यह साबित कर दिया है कि जब तकनीक अपनाने या अपने आसपास नवाचार करने की बात आती है तो वह किसी से पीछे नहीं है। डिजिटल इंडिया के तहत परिवर्तनकारी पहलों ने शासन में लागू होने वाले नवीन फिनटेक समाधानों के द्वार खोल दिए हैं। पिछले साल, भारत में, मोबाइल भुगतान ने पहली बार एटीएम नकद निकासी को पार कर लिया। पूरी तरह से डिजिटल बैंक, बिना किसी भौतिक शाखा कार्यालय के, पहले से ही एक वास्तविकता हैं और एक दशक से भी कम समय में आम हो सकते हैं। मुद्रा का इतिहास जबरदस्त विकास दिखाता है। जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ, वैसे-वैसे हमारे लेन-देन का रूप भी विकसित हुआ। वस्तु विनिमय प्रणाली से धातुओं तक,
सिक्कों से लेकर नोटों तक, चेक से लेकर कार्ड तक, आज हम यहां पहुंचे हैं।
जनधन खाते पर बोले मोदी
2014 में 50 प्रतिशत से कम भारतीयों के पास बैंक खाते थे, लेकिन बैंक खातों को सर्वसुलभ बना दिया गया और पिछले सात वर्षों में 430 मिलियन जन धन खाते खुल गए। पिछले वर्ष 690 मिलियन रूपे कार्डों द्वारा 1.3 अरब लेन-देन हुए; यूपीआई ने पिछले माह ही लगभग 4.2 अरब लेन-देन को संसाधित किया; हर महीने लगभग 300 मिलियन बिलों को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है; महामारी के बावजूद, लगभग 1.5 मिलियन रेलवे टिकट हर दिन ऑनलाइन बुक किए जाते हैं; पिछले वर्ष फास्टैग ने 1.3 अरब निर्बाध लेन-देन किया; प्रधानमंत्री स्वनिधि की बदौलत देशभर में छोटे विक्रेताओं के लिये कर्ज सुगम हुआ; ई-रूपी के आधार पर बिना किसी खामी के विशिष्ट सेवाओं की लक्षित आपूर्ति की गई।
यह है Infinity Forum का मकसद
इनफिनिटी-फोरम के जरिये नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व की जानी-मानी प्रतिभाएं एक साथ आएंगी तथा इस बात पर गहन विमर्श करेंगी कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवाचार को फिन-टेक उद्योग में इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि समावेशी विकास हो तथा बड़े पैमाने पर सबकी सेवा हो।
यह भी जानें
फोरम का एजेंडा ‘बियॉन्ड’ (सर्वोच्च) विषय पर केंद्रित है। इसमें विभिन्न उप-विषय शामिल हैं, जैसे ‘फिन-टेक बियॉन्ड बाऊंड्रीज,’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च सीमा तक), जिसके तहत सरकारें और व्यापार संस्थायें वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करने के लिये भौगोलिक सरहदों के परे ध्यान देंगी, ताकि वैश्विकसमूह का विकास हो सके;‘फिन-टेक बियॉन्ड फाइनेन्स’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च वित्त तक), जिसके तहत स्पेस-टेक, ग्रीन-टेक तथा एग्री-टेक जैसे उभरते क्षेत्रों में एकरूपता लाई जा सके और सतत विकास हो सके; और‘फिन-टेक बियॉन्ड नेक्सट’(वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च अग्रिम तक), जिसके तहत इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि कैसे क्वॉन्टम कंप्यूटिंग, भावी फिन-टेक उद्योग तथा नये अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रभावी हो सकता है।
70 देश होंगे शामिल
फोरम में 70 से अधिक देश हिस्सा लेंगे। मुख्य वक्ताओं में मलेशिया के वित्तमंत्री तेंगकू ज़फरुल-अज़ीज़, इंडोनेशिया की वित्तमंत्री मुल्यानी इंद्रावती, इंडोनेशिया के संरचनात्मक अर्थव्यवस्था के मंत्री सैनडियागा एस. ऊनो, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प के अध्यक्ष एवं सीईओ मासायोशी सून, आईबीएम कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एवं सीईओ अरविन्द कृष्ण, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ उदय कोटक और अन्य गणमान्य शामिल हैं। इस वर्ष के फोरम में नीति आयोग, इनवेस्ट इंडिया, फिक्की और नैसकॉम मुख्य साझीदारों में से हैं।
आईएफएससीए के बारे में
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी) का मुख्यालय गिफ्ट-सिटी, गांधीनगर, गुजरात में स्थित है। इसकी स्थापना अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई थी। यह संस्था भारत में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के नियमन तथा विकास के लिये एक एकीकृत प्राधिकार के रूप में काम करती है। इस समय गिफ्ट-आईएफएससी भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है।
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