सार
संसद में नीतिन गडकरी ने बताया कि भारत की सड़कों के इंफ्रास्ट्रक्चर को यूरोपीय स्टैंडर्ड पर बनाया जा रहा है। अगर यूरोपीय स्टैंडर्ड पर नहीं बनीं तो कम से कम अमेरिकी स्टैंडर्ड की तो होंगी ही।
नई दिल्ली। संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने देश में बन रही सड़कों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि देश में सड़कों का संजाल बिछाया जा रहा है। कई लाख किलोमीटर की सड़कों को बनाने का काम चल रहा है। आने वाले दिनों में देश में यूरोपियन स्टैंडर्ड (Europian Standard) की सड़कें दिखेंगी। उन्होंने बताया कि भारत माला योजना (Bharat Mala Project) के अलावा गतिशक्ति योजना (GatiShakti Yojna) के अंतर्गत भी सड़कों को बनाने की मंजूरी मिली है। भारत माला योजना के दो फेज में 65 हजार किलोमीटर की सड़कों को बनाया जाएगा तो गतिशक्ति योजना के तहत दो लाख किलोमीटर की सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिली है।
भारत माला योजना के तहत पहले फेज में 20 हजार किमी
नीतिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने संसद में बताया कि गतिशक्ति योजना के पहले देश में भारत माला योजना के तहत काम चल रहा है। इस योजना के पहले फेज में बीस हजार किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं। इस योजना के पहले और दूसरे फेज में 65 हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कों को बनाने की मंजूरी मिली हुई है। इसी में ग्रीन एक्सप्रेसवे (Green Expressway) बन रहा है। दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कटरा जैसी करीब 24 से 26 हाइवे सरकार बना रही है।
गतिशक्ति योजना के तहत 2 लाख किमी को मंजूरी
संसद में केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने बताया कि गतिशक्ति योजना में पहले एक लाख 47 हजार किलोमीटर की सड़कों का प्रस्ताव था लेकिन अब इसे बढ़ाकर दो लाख किमी कर दिया गया है।
लॉजिस्टिक पार्क से लैस होंगी सड़कें
संसद को नीतिन गडकरी ने बताया कि भारत माला और गतिशक्ति परियोजना को लॉजिस्टिक की दृष्टि से भी समृद्ध किया जाएगा। दोनों योजनाओं में लॉजिस्टिक पार्क (logistic park) बनाए जाएंगे। ये पार्क दो करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे। इससे लॉजिस्टिक परियोजना को भी गति मिलेगी।
नार्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मी भी जुड़ें दोनों प्रोजेक्ट्स से
गडकरी ने बताया कि भारत माला और गतिशक्ति परियोजनाओं से केवल विकसित राज्य ही नहीं जोड़े जा रहे हैं। नार्थ-ईस्ट रीजन, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे राज्यों को भी सड़कों के संजाल से लैस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नार्थ-ईस्ट में भारत माला और गतिशक्ति योजना के तहत दो लाख करोड़ की योजनाओं को शुरू किया गया है। जबकि जम्मू-कश्मीर में एक लाख करोड़ की योजनाओं को मंजूरी मिली है।
भारत की सड़कें यूरोपीय स्टैंडर्ड की होंगी
संसद में नीतिन गडकरी ने बताया कि भारत की सड़कों के इंफ्रास्ट्रक्चर को यूरोपीय स्टैंडर्ड पर बनाया जा रहा है। अगर यूरोपीय स्टैंडर्ड पर नहीं बनीं तो कम से कम अमेरिकी स्टैंडर्ड की तो होंगी ही।
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